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बहुत जल्द इस मेडिकल कॉलेज में छात्र-छात्राओं को पढ़ाते नजर आएंगे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री Kanpur News

जीएसवीएम के विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सहमति प्रदान कर दी है।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 02:18 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2019 02:18 PM (IST)
बहुत जल्द इस मेडिकल कॉलेज में छात्र-छात्राओं को पढ़ाते नजर आएंगे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री Kanpur News
बहुत जल्द इस मेडिकल कॉलेज में छात्र-छात्राओं को पढ़ाते नजर आएंगे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की शैक्षणिक गुणवत्ता को और बेहतर करने के लिए प्राचार्य ने नायाब तरीका निकाला है। यहां राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय फैकल्टी विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में पढ़ाने आएंगे। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सहमति प्रदान की है, वह जल्द ही कॉलेज के छात्र-छात्राओं को पढ़ाते नजर आएंगे। 

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ बैठक में शैक्षणिक स्तर बेहतर करने के निर्देश दिए थे। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य प्रो. आरती लालचंदानी ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुभव एवं विशिष्टता से फैकल्टी (संकाय सदस्यों), सीनियर एवं जूनियर रेजीडेंट, इंटर्न तथा छात्र-छात्राओं को अवगत कराने की कार्ययोजना तैयार कराई।

विशेषज्ञों को विजिटिंग फैकल्टी (प्रोफेसर एवं फैलो) नामित करने को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा से वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान चर्चा कर सहमति ली। इसके बाद देश-विदेश के विषय विशेषज्ञों की सूची तैयार करा उन्हें पत्र भेजा। इसमें जीएसवीएम कॉलेज के कई पूर्व छात्र हैं, जो देश-विदेश के उच्च संस्थानों में कार्यरत हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन तथा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी जनरल डॉ. आरके वत्स भी शामिल हैं।

कमेटी ने किया नामों का अनुमोदन

विजिटिंग फैकल्टी के लिए प्राचार्य की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। सदस्य डॉ. किरन पांडेय, डॉ. संजय काला, डॉ. यशवंत राव, डॉ. प्रेम सिंह तथा डॉ. मनीष सिंह हैं। इस कमेटी ने सभी नामों का अनुमोदन किया है।

ये हैं सेवा शर्तें

विजिटिंग फैकल्टी को कोई वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा, कोई शैक्षणिक अनुभव नहीं मिलेगा, एमसीआइ के निरीक्षण में इन्हें जोड़ा नहीं जाएगा।

इस तरह मिलेगा लाभ

विशिष्टता का प्रशिक्षण, आधुनिक तकनीक के आपरेशनों का प्रशिक्षण, नई तकनीक की जानकारी, रिसर्च में सहयोग, शोध से जुड़े लेक्चर, यूजी-पीजी की विशेष क्लासेज। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य प्रो. आरती लालचंदानी ने बताया कि देश-विदेश के कई विशेषज्ञों को विजिटिंग फैकल्टी बनाया है। केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन तथा एमसीआइ के सेक्रेटरी जनरल ने सहमति प्रदान कर दी है। इनके अनुभव से फैकल्टी एवं छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे।

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