सीबीआइ ने लखनऊ बुलाकर रक्षा कर्मियों से की पूछताछ, डीजीक्यूए भर्ती घोटाले पर पूछे सवाल
नेता व अफसरों के गठजोड़ से छह बाबुओं की भर्ती में धांधली हुई थी। डीजीक्यूए भर्ती घोटाले की जांच सीबीआइ कर रही है इसी कड़ी में लखनऊ क्राइम ब्रांच के कार्यालय में रक्षा कर्मियों को बुलाकर पूछताछ की गई है।
कानपुर, जेएनएन। रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले डायरेक्टर जनरल क्वालिटी एश्योरेंस (डीजीक्यूए) में छह बाबुओं की नियुक्ति में हुई धांधली के मामले में सीबीआइ ने कई रक्षा कर्मचारियों को लखनऊ क्राइम ब्रांच के कार्यालय बुलाकर पूछताछ की। अवर श्रेणी लिपिक अश्वनी राज, कार्यालय अधीक्षक सिराजुद्दीन व तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी ओपी शुक्ला से पूछताछ करने के लिए सीबीआइ ने उन्हें बुलाया था।
बाबुओं की नियुक्ति का मामला वर्ष 2017 का है। भर्ती घोटाले में जमकर रुपयों का लेनदेन हुआ था। एक अफसर के मुताबिक, सीबीआइ के हाथ एक मोबाइल की काल रिकार्डिंग हाथ लगी है। उसमें भर्ती घोटाले से संबंधित लेनदेन व नेता के साथ हुए गठजोड़ की बातें की गई हैं। पूछताछ के दौरान सीबीआइ ने एक कर्मचारी का लैपटाप व मोबाइल भी जब्त किया। बताते हैं, इस भर्ती में एक आवेदक के एप्लीकेशन फार्म को निरस्त कर दिया गया था, लेकिन एक अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद उसे स्वीकृत किया गया। बाबुओं के भर्ती घोटाले में सीबीआइ आगे और भी कर्मचारियों से पूछताछ कर सकती है। भर्ती घोटाले में हुए अवैध लेनदेन के कई महत्वपूर्ण साक्ष्य सीबीआइ को मिले हैं।
उल्लेखनीय है कि मामला चार साल पुराना है। छह बाबुओं की नियुक्ति के बाद एक अभ्यार्थी ने रक्षा मंत्रालय व प्रधानमंत्री कार्यालय में नियुक्ति में धांधली की शिकायत की थी। उसका कहना था कि उसने भी नौकरी के लिए लिखित परीक्षा दी थी, जिसमें उसके अंक अच्छे थे। कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका में टेंपङ्क्षरग करके अंक बढ़ाए गए। उसकी शिकायत पर रक्षा मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए थे। उसके बाद से लेकर अब तक विजिलेंस की जांच हो चुकी है, जबकि मिले साक्ष्यों के आधार पर सीबीआइ जांच चल रही है।