बेहमई नरसंहार : कोर्ट में नहीं पेश की गई मूल केस डायरी, 12 फरवरी तक फिर टल गया फैसला
दस्यु सुंदरी फूलन गिरोह ने लाइन से खड़ा करके बीस लोगों को एक साथ मौत के घाट उतार दिया था।
कानपुर देहात, जेएनएन। 39 साल पहले हुए बेहमई नरसंहार मामले के फैसले में मूल केस डायरी न मिलने से देरी हो रही है। गुरुवार को भी अदालत में नोटिस के बावजूद पुलिस की स्पेशल डकैती सेल मूल केस डायरी प्रस्तुत नहीं कर सकी। ऐसे में एक बार फिर फैसला टल गया है, कोर्ट ने केस डायरी पर सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तारीख तय की है। मामले में केस डायरी उपलब्ध कराने के लिए डीएम और एसपी को भी नोटिस किया जा चुका है।
फूलन गिरोह ने बीस लोगों को एक साथ दी थी मौत
14 फरवरी 1981 को बेहमई गांव में दस्यु सुंदरी फूलन देवी, मुस्तकीम, राम औतार व लल्लू गैंग में शामिल 35-36 डकैतों ने ग्रामीणों को एक लाइन में खड़ाकर गोलियां बरसाई थीं। गांव में 20 लोग मारे गए थे, जबकि छह लोग घायल हो गए थे। घायल वादी राजाराम ने पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था। 24 अगस्त 2012 में पांच अभियुक्तों भीखा, पोसे उर्फ पोसा, विश्वनाथ उर्फ पुतानी उर्फ कृष्ण स्वरूप, श्याम बाबू व राम सिंह के खिलाफ आरोप तय होने पर न्यायालय में सुनवाई शुरू हुई थी। 13 फरवरी 2019 को जेल में राम सिंह को मौत हो गई थी। भीखा, विश्वनाथ उर्फ पुतानी उर्फ कृष्ण स्वरूप व श्याम बाबू जमानत पर और पोसा जेल में है।
नहीं मिल रही मूल केस डायरी
मालूम हो कि मामले में छह जनवरी को फैसला आना था। कोर्ट में बचाव पक्ष (आरोपित पक्ष) जेल में निरुद्ध पोसा के वकील ने उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय की नजीर पेश करने के लिए समय की मांग की थी। इसपर कोर्ट ने प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए 16 जनवरी तक का समय दिया था। वकील द्वारा रुलिंग दाखिल करने के बाद 18 जनवरी को फैसले की तारीख नियत की गई थी। इस दिन अदालत में पत्रावली में मूल केस डायरी न होने पर फैसला टाल दिया था।
न्यायालय ने सत्र लिपिक को नोटिस जारी करके मूल केस डायरी उपलब्ध कराने को कहा था। इसके बाद 24 जनवरी की तारीख में स्पेशल पुलिस डकैती सेल को मूल केस डायरी प्रस्तुत करने को नोटिस जारी करते हुए 30 जनवरी की तिथि तय की थी। गुरुवार को दोपहर तक मूल केस डायरी प्रस्तुत न किए जाने से एक बार फिर फैसले की तारीख बढ गई है। डीएम और एसपी को लेटर लिखा गया था। एसपी की ओर से मूलकेस डायरी उपलब्ध कराने के लिए कोर्ट से समय की मांग की गई। इस पर कोर्ट ने 12 फरवरी तक का समय अगली सुनवाई के लिए तय किया है। सुबह से वादी राजाराम और गांव के लोग कोर्ट परिसर में मौजूद रहकर फैसले का इंतजार करते रहे।