एमएसएमई की समस्याओं को भी हल कर सकेंगे सीए
- सीआइआरसी ने एमएसएमई की प्रोफेशल कंपनी से किया अनुबंध
- सात राज्यों के 60 हजार से ज्यादा सीए इसका लाभ उठा सकेंगे
जागरण संवाददाता, कानपुर : चार्टर्ड अकाउंटेंट लेखा से जुड़े मामलों में तो दक्ष होते हैं लेकिन कंपनी के सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम विकास संस्थान से जुड़े कार्य और उनके नियम उनके लिए काफी परेशान करने वाले होते हैं। कंपनी में होने के नाते उन्हें अक्सर इससे जुड़े कार्यों को कराने की जिम्मेदारी मिलती रहती है। इन कार्यों से होने वाली परेशानियों को इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट आफ इंडिया की सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल (सीआइआरसी) की बैठकों में सदस्य बताते भी रहे हैं। इसे देखते हुए अब सीआइआरसी ने एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के प्रोफेशनल्स (विशेषज्ञों) से अनुबंध किया है। इन प्रोफेशनल्स का लाभ सात राज्यों के 60 हजार से ज्यादा चार्टर्ड अकाउंटेंट उठाएंगे।
सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान आते हैं। कानपुर में इसका मुख्यालय है। सीआइआरसी ने अपने सदस्यों की एमएसएमई से जुड़ी समस्याओं में उनका सहयोग करने के लिए एक एमएसएमई के प्रोफेशनल्स की कंपनी से अनुबंध किया है। सीआइआरसी अपने सभी सदस्यों को इसके लिए एक ई-मेल दे रही है। इस ई-मेल के जरिए कोई भी चार्टर्ड अकाउंटेंट एमएसएमई से जुड़ी अपनी समस्या भेज सकता है। इसके बाद इस मेल को प्रोफेशल कंपनी को भेज दिया जाएगा। कंपनी के विशेषज्ञ उस मामले पर अपनी बात रखेंगे और उस कार्य को कैसे किया जा सकता है, इसकी जानकारी भी देंगे।
ये समस्याएं परेशान करती हैं
- एमएसएमई में पंजीयन कैसे कराना है।
- उद्यम पोर्टल के क्या लाभ हैं और उस पर पंजीयन कैसे कराया जाता है।
- एमएसएमई की किस योजना में क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं।
- कंपनी का जो आर्थिक आधार है, उसके मुताबिक वह किस श्रेणी में अपने लाभ ले सकती है।
- एमएसएमई में नियमित रूप से कौन सी रिपोर्ट दी जानी हैं।
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चार्टर्ड अकाउंटेंट की एमएसएमई से जुड़ी समस्याओं को हल कराने के लिए यह प्रयास है। उम्मीद है कि कुछ दिनों में जब उन्हें नियमित रूप से विशेषज्ञों की सलाह मिलती रहेगी तो वे खुद चीजों को समझ जाएंगे।
- अतुल मेहरोत्रा, सभापति, सीआइआरसी।