Budget 2021: दशक के पहले बजट में हजारों छोटे उद्योगों को मिली संजीवनी, जानिए क्या कहते हैं कानपुर के उद्यमी
Budget 2021 कंपनी के टैक्स ऑडिट की सीमा अब 10 करोड़ होने से उद्यमियों की सालाना फीस बचेगी। इंफ्रास्ट्रक्चर पर पैसा खर्च किया जाएगा शहर में नए उद्योगों के लिए बढेगी संभावना। इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस होने से शहर में नए उद्योगों के स्थापित होने की संभावना बढ़ेगी।
कानपुर, जेएनएन। Budget 2021 इस दशक के पहले आम बजट में उद्योगों का खास ख्याल रखा गया है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) का बजट दोगुना किए जाने से शहर के उद्यमियों को राहत मिली है। उम्मीद है कि कोरोना काल में बदहाल हो चुके उद्योग अब फिर से बेहतरी की तरफ बढ़ेंगे। इसके साथ ही कंपनी के टैक्स ऑडिट की सीमा पांच से 10 करोड़ किए जाने से भी उद्यमियों की सालाना 25 से 50 हजार रुपये फीस बचेगी। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस होने से शहर में नए उद्योगों के स्थापित होने की संभावना बढ़ेगी।
कोरोना संकट के दौरान करोड़ों की पहुंची थी चोट
शहर में हार्डवेयर, चर्म, होजरी, प्लास्टिक, फुटवियर, खान-पान व केमिकल समेत करीब 50 तरह के उद्योग स्थापित हैं। कोरोना काल में इनको करीब छह हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्हें वित्त मंत्री की घोषणा के बाद अब अच्छे दिनों की आस नजर आ रही है। मशीनरी स्पेयर पार्ट के उद्यमी मनोज अग्रवाल ने बताया कि बजट औसत से ऊपर रहा। एमएसएमई का बजट बढऩा अच्छा संकेत है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष जय हेमराजानी ने बताया, बजट साधारण रहा। जिस प्रकार मोदी सरकार काम कम रही है उसे देखते हुए और अच्छे बजट की दरकार थी। बजट में जो दिया गया है, वह औसत है। उद्यमी रामजी सेठ ने बताया कि कोरोना काल को देखते हुए बजट अच्छा रहा। एमएसएमई के लिए 15 हजार सात सौ करोड़ रुपये का बजट है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ सकते हैं। पिछले वर्ष यह बजट आठ हजार करोड़ था।
इनकी भी सुनिए
- एमएसएमई के लिए बढ़ाया गया बजट किन-किन मदों में खर्च किया जाएगा। इसकी तस्वीर साफ होने पर ही कुछ स्थिति पता चल सकेगी। - सुनील वैश्य, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष।
- एमएसएमई के लिए जो बजट बढ़ाया गया है, उसका बहुत अधिक असर नहीं पड़ा है। तेल के दाम बढऩे का विपरीत असर तुरंत दिखाई देगा। - बलराम नरूला, संयुक्त सचिव, फेडरेशन ऑफ होजरी मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन नॉर्थ जोन।
- बजट उम्मीदों से भरा है। सभी सेक्टर को कुछ न कुछ राहत दी गई है। छोटे उद्योगों को जो पैकेज देने की घोषणा की गई है, उससे घरेलू बाजार बढ़ेगा। - हरेंद्र मूरजानी, अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती।
- कोविड-19 में सरकार का खर्च बढ़ा। उसे देखते हुए बजट अच्छा रहा है। यह बजट मैन्यूफैक्चङ्क्षरग के लिए अच्छा है। छोटी-छोटी चीजों के उत्पादन में लाभ होगा। - विजय सिंह राजपूत, उद्यमी, पैकेजिंग और ड्रिंकिंग वॉटर।
शहर में उद्योगों की स्थिति
- 18 हजार कुल औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं शहर में
- 17 हजार 500 एमएसएमई इकाइयां हैं।
- 50 से अधिक तरह के उद्योग हैं इनमें संचालित।
- 75 हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर इनमें प्रतिवर्ष।
- 500 से अधिक छोटे बड़े मिलाकर होजरी कारखाने हैं।
- 1500 इकाइयां हैं चर्म उद्योग की, जिनमें करीब 800 हैं निर्यातक इकाइयां। इनका टर्नओवर है 8000 करोड़।
- 30 हजार करोड़ का घरेलू निर्यात है चर्म औद्योगिक इकाइयों का।
- 1500 इकाइयां हैं खान-पान के उत्पाद बनाने की। 500 करोड़ का है टर्नओवर।
- 350 इकाइयां नट-बोल्ट से लेकर ट्रांसपोर्ट व रेलवे के लिए वस्तुओं का उत्पादन करने वाली।
- 03 लाख से अधिक कामगार इन औद्योगिक इकाइयों में हैं कार्यरत।
- 10 सैन्य उपकरण बनाने वाली औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनका कारोबार 300 करोड़ का है टर्नओवर।
- 350 इकाइयां हैं हार्डवेयर की, जिनका टर्नओवर है एक हजार करोड़।
- बड़े उद्योगों में चर्म, होजरी, हार्डवेयर और खान-पान उद्योग हैं।