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फर्रुखाबाद: वाईबीएस सेंटर पहुंची भगवान बुद्ध की अस्थि कलश यात्रा, श्रीलंका के बौद्ध भिक्षु ने कहा, ब्रिटिश सरकार ने संरक्षित की थीं भगवान बुद्ध की अस्थियां

भगवान बुद्ध की अस्थि कलश यात्रा शनिवार सुबह होटल से राजघाट स्थित यूथ बुद्धिष्ट सोसायटी (वाईबीएस) सेंटर पहुंची। इस दौरान श्रीलंका के कलाकारों ने वाद्य यंत्र बजाकर यात्रा का परंपरागत ढंग से स्वागत किया जिससे समां बंध गया।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 08:44 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 08:44 PM (IST)
फर्रुखाबाद: वाईबीएस सेंटर पहुंची भगवान बुद्ध की अस्थि कलश यात्रा, श्रीलंका के बौद्ध भिक्षु ने कहा, ब्रिटिश सरकार ने संरक्षित की थीं भगवान बुद्ध की अस्थियां
इंपैक होटल से वाईबीएस सेंटर ले जाते वक्त अस्थि कलश पर पुष्प वर्षा करते लोग।

फर्रुखाबाद, जेएनएन। ब्रिटिश सरकार ने भगवान बुद्ध की अस्थियां संरक्षित कर रखी थीं। यह जानकारी शनिवार को श्रीलंका के भिक्षु डब्लू महेंद्र महानायक थेरो ने दी। इससे पहले भगवान बुद्ध की अस्थि कलश यात्रा शनिवार सुबह होटल से राजघाट स्थित यूथ बुद्धिष्ट सोसायटी (वाईबीएस) सेंटर पहुंची। इस दौरान श्रीलंका के कलाकारों ने वाद्य यंत्र बजाकर यात्रा का परंपरागत ढंग से स्वागत किया, जिससे समां बंध गया।

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भिक्षु डब्लू महेंद्र ने कहा कि तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने भगवान बुद्ध की अस्थियां संरक्षित कर पुण्य का काम किया था। इसी वजह से आज हम सब उनके दर्शन व पूजन कर पा रहे हैं। हमारे लिए यह अस्थियां बेहद महत्वपूर्ण हैं। सिंघली भाषा में बोल रहे भिक्षु के संबोधन का साथ आए दूसरे भिक्षु ने हिंदी में अनुवाद किया। हालांकि, वह खुद भी टूटी-फूटी हिंदी बोल पा रहे थे। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बदायूं की सांसद संघमित्रा मौर्य ने कहा कि हमारे लिए यह ऐतिहासिक पर्व है। ऐसे पर्व आगे भी होते रहें तो हम एक बार फिर विश्वगुरु कहलाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वजह से संकिसा में लोगों को भगवान बुद्ध के अस्थि कलश के दर्शन हुए। श्रीलंका के भिक्षु एम अस्सजी थेरो ने कहा कि संकिसा ऐतिहासिक स्थल है। सम्राट अशोक ने स्तूप व शिलालेख बनाकर पुण्य का काम किया था। विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत में स्तूप व मंदिरों को बहुत नुकसान पहुंचाया। वाईबीएस सेंटर के महासचिव भंते डा. उपनंद थेरो व सेक्रेटरी जनरल इंटरनेशनल बुद्धिष्ट फेडरेशन प्रमुख डा. धम्म पिया थेरो ने कहा कि बौद्ध धर्म जाग्रति की तरफ बढ़ रहा है। उनकी ही देखरेख में बुद्ध अस्थि कलश कुशीनगर से संकिसा लाया गया है। 

श्रीलंका के कलाकारों ने बजाया पंचतूर नादि: धार्मिक आयोजनों के दौरान श्रीलंका के कलाकार पंचतूर नादि (हेविस) नाम का वाद्य यंत्र बजाकर स्वागत करते हैं। श्रीलंकाई परिधान पहने इन कलाकारों को देखने के लिए लोग उत्सुक रहे। कई साल पहले संकिसा स्थित श्रीलंका मंदिर के स्तूप में स्वर्ण कलश की स्थापना की गई थी, तब भी श्रीलंका के कलाकार यहां आए थे। 

परित्राण पाठ सहित कई अनुष्ठान संपन्न: डा. धम्म पिया के नेतृत्व में वाईबीएस सेंटर में परित्राण पाठ, कठिन चीवर दान व संघदान आदि कार्यक्रम आयोजित हुए। इस दौरान मंडप पर रखे अस्थि कलश के दर्शन-पूजन के लिए होड़ लगी रही। पूर्व मंत्री आलोक शाक्य, आगरा के एसडीएम महेश चंद्र गुप्ता, बृजेश शाक्य, सेंटर के अध्यक्ष सुरेश बौद्ध आदि भी मौजूद रहे। 

सुरक्षा में मुस्तैद रही मैनपुरी व फर्रुखाबाद पुलिस: अस्थि कलश रात में संकिसा स्थित इंपैक होटल में रखा गया था। वहीं, पर विदेशी मेहमान ठहरे थे। वहां से काली नदी पुल तक जिले की पुलिस ने यात्रा की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की। पुल की दूसरी तरफ मैनपुरी जिले के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी डटे रहे। क्षेत्राधिकारी सोहराब आलम मुस्तैद दिखे।


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