बसपा ने पूर्व विधायक समेत दो वरिष्ठ नेताओं को दिखाया बाहर का रास्ता, क्यों लिया ये फैसला Kanpur News
बसपा के प्रदेश नेतृत्व के फैसले के बाद स्थानीय नेताओं में हलचल तेज हो गई है।
कानपुर, जेएनएन। गोविंदनगर विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले बसपा ने पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उपचुनाव के ऐन पहले पार्टी के इस फैसले ने स्थानीय नेताओं में हलचल पैदा कर दी है। बसपा जिलाध्यक्ष ने दोनों नेताओं को पत्र जारी करके आला कमान के निर्णय से अवगत करा दिया है। हालांकि पार्टी से निष्कासित नेता ने ऐसी किसी जानकारी से इंकार किया है।
बसपा जिलाध्यक्ष राम शंकर कुरील ने पूर्व विधायक आरपी कुशवाहा और महानगर के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र कुशवाहा को पार्टी से निष्कासित किए जाने का पत्र जारी किया है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व से आदेशों के अनुपालन में दोनों नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाए जाने की बात कही है। जिलाध्यक्ष के अनुसार दोनों ही नेता पार्टी के विरोधी दलों के नेताओं से मिलकर कार्य कर रहे थे। इसकी जानकारी पार्टी नेतृत्व को हो गई थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। लोकसभा चुनाव से पहले भी आरपी कुशवाहा को पार्टी से निकाला गया था लेकिन बाद में चुनाव के समय वो दोबारा पार्टी में शामिल हुए थे।
बताते चलें कि पूर्व विधायक आरपी कुशवाहा पंद्रह वर्षों से भी अधिक समय से बसपा की राजनीति में सक्रिय थे। वर्ष 2007 में घाटमपुर विधानसभा से बसपा की टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने आरपी कुशवाहा पार्टी में बेहद अहम माने जाते थे। इसके बाद वर्ष 2012 में बिठूर विधानसभा से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़े थे लेकिन सपा के मुनींद्र शुक्ला से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद फिर पार्टी ने भरोसा जताते हुए वर्ष 2017 में बिठूर विधानसभा से टिकट दिया था, इस बार फिर वो भाजपा के अभिजीत सिंह से हारकर तीसरे नंबर पर पहुंच गए थे। इसके बाद से उनके पार्टी में सक्रियता को लेकर सवाल उठने लगे थे। तत्कालीन बसपा की सरकार में आरपी कुशवाहा के विधायक रहने के दौरान ही वर्ष 2010-11 के आसपास उनकी पत्नी रीता कुशवाहा जिला पंचायत अध्यक्ष बनी थीं। आरपी कुशवाहा पेशे से लेदर टेक्सटाइल इंजीनियर हैं और व्यवसाय भी करते हैं।
वहीं दूसरी ओर पूर्व महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र कुशवाहा को भी पार्टी से निष्कासित किए जाने की जानकारी के बाद बसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में हलचल मच गई। पार्टी द्वारा लिये गए इस सख्त फैसले के बाद शहर में निष्क्रिय बसपा नेताओं में हड़कंप मचा है। पार्टी के निर्णय को लेकर महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र कुशवाहा से संपर्क नहीं हो सका लेकिन पूर्व विधायक आरपी कुशवाहा ने जिलाध्यक्ष के किसी पत्र के मिलने की जानकारी से इंकार किया है।