Kanpur News: कानपुर के बिल्हौर में क्रिकेट खेलते वक्त किशोर को हार्ट अटैक से मौत, रन लेते समय आया था चक्कर
मेरठ में अचानक छींक आने से युवक की मौत हो गई। लखनऊ की एक शादी में दुल्हन ने दूल्हे को वरमाला डालने से पहले दुल्हन की हार्ट अटैक आने के मौत हो गई। अब कानपुर में क्रिकेट खेलते वक्त किशोर को मौत का मामला सामने आया है।
बिल्हौर, संवाद सहयोगी। कानपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला समाने आया है। यहां मैदान पर क्रिकेट खेल रहा किशोर रन लेने के दौरान अचानक चक्कर आने से मैदान में गिरकर अचेत हो गया। जानकारी पर स्वजन किशोर को सीएचसी ले गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अचानक चक्कर खाकर गिरा अनुज फिर नहीं उठा
- डाक्टर ने हृदयाघात से मौत की आशंका जताई है। स्वजन ने पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया और शाम को अंतिम संस्कार कर दिया।
- त्रिवेणीगंज बाजार निवासी अमित कुमार पांडेय बीज एजेंसी में नौकरी करते हैं। परिवार में पत्नी सुनीता, बड़ा बेटा सुमित व छोटा बेटा 16 वर्षीय अनुज है।
- अनुज घर के पास श्रीमती सूरजमुखी स्कूल में हाईस्कूल में पढ़ता था। अमित ने बताया कि बुधवार सुबह अनुज अपने दोस्तों के साथ बिल्हौर इंटर कालेज मैदान में क्रिकेट खेलने की बात कहकर घर से गया था।
- दोस्तों ने बताया कि खेलते समय रन लेने के दौरान अचानक चक्कर आने से अनुज जमीन पर गिरकर अचेत हो गया। इस पर साथ खेल रहे बच्चों ने घर पर सूचना दी।
- स्वजन अनुज को पहले निजी निजी अस्पताल और उसके बाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले गए। परीक्षण के बाद डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
- सीएचसी में तैनात डाक्टर गणेश प्रसाद ने बताया कि मौत की वजह हृदयाघात हो सकती है। कस्बा प्रभारी कमल सिंह ने बताया कि किशोर की मौत की सूचना मिल थी।
- सीएचसी से शव स्वजन घर ले गए इसके बाद नानामऊ घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। उन्होंने पोस्टमार्टम कराने से इन्कार किया था।
बच्चों की अनियंत्रित धड़कन न करें नजरअंदाज
कानपुर स्थित लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान के इमरजेंसी प्रभारी प्रो. उमेश्वर पांडेय ने बताया कि कुछ बच्चों में बच्चों में जन्मजात बीमारी की वजह से दिल की धड़कन अनियंत्रित होने लगती है। अगर कोई बच्चा बचपन में अचानक बेहोश या बेसुध हो जाए। बार-बार धड़कन बढ़ने या घबराहट की शिकायत करे। उसे तत्काल हृदय रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। ऐसे बच्चों को अधिक शारीरिक श्रम करने से हृदयाघात हो सकता है। खासकर क्रिकेट, फुटबाल, हाकी और एथलेटिक्स आदि में दिक्कत हो सकती है। माता-पिता अपने बच्चों के प्रति दायित्व को समझें। उन्हें शारीरिक गतिविधियों व व्यायाम के लिए प्रेरित करें।