जांच में कोरोना संक्रमित निकलने पर खंड शिक्षा अधिकारी ने लगाई फांसी
कानपुर में थे तैनात बुखार व सांस लेने में तकलीफ पर उर्सला अस्पताल में कराई थी कोरोना जांच।
उन्नाव, जेएनएन। कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मोहल्ला कल्याणी देवी निवासी बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) सुरेश चंद्र वर्मा ने फांसी लगाकर जान दे दी। बीते दिनों बुखार और सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्होंने उर्सला अस्पताल कानपुर में कोरोना टेस्ट कराया था।
53 वर्षीय सुरेश वर्मा कानपुर के सदर बाजार में तैनात थे। उनके पास किदवईनगर का भी अतिरिक्त प्रभार था। शनिवार देर रात कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आने की सूचना मिली तो वह परेशान हो गए। रविवार सुबह काफी देर तक कमरे से बाहर न निकलने पर स्वजन ने उन्हें आवाज दी। कोई जवाब न मिलने पर भीतर देखा तो उनका शव कमरे में पंखे से लटक रहा था। स्वजन तुरंत उन्हें नीचे उतार कर जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। मूल रूप से रायबरेली के बरसाइत निवासी सुरेश वर्मा उन्नाव शहर के साथ ही जिले के बिछिया, पुरवा व फतेहपुर चौरासी में भी तैनात रह चुके हैं।
खुद एंबुलेंस लाकर शव ले जाइए
मोहल्ला वासियों ने स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाया कि बीईओ का पोस्टमार्टम होने के बाद खुद एंबुलेंस की व्यवस्था कर शव ले जाने को कहा गया। यह रवैया तब जबकि शव का कोरोना प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार कराने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की ही होती है। काफी माथापच्ची के बाद विभागीय अधिकारियों ने बीईओ के शव को कोरोना प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार को भेजा।
इनका ये है कहना
बीईओ के शव का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकाल के तहत कराया गया है। एसीएमओ डा. आरके गौतम खुद पोस्टमार्टम हाउस गए थे और अंतिम संस्कार के लिए शव भेजने का प्रबंध कराया। शव वाहन न दिलाने की बात गलत है।
-डॉ. आशुतोष कुमार, सीएमओ।