भाजपा : कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के कई सांसदों के टिकट पर लटक रही तलवार
भाजपा की पांच स्तरीय फीडबैक रिपोर्ट के आधार पर होगा प्रत्याशियों का चयन, अधिक से अधिक सीट जीतने को बनाये फार्मूले पर होगा काम।
By AbhishekEdited By: Published: Wed, 07 Nov 2018 05:23 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 10:29 AM (IST)
कानपुर (जागरण संवादददाता)। फिर से दिल्ली के दरबार में पहुंचने का ख्वाब संजो रहे कई सांसदों के लिए इस बार जीत की राह बहुत टेढ़ी है। चुनावी मैदान में प्रतिद्वंंदी से दो-दो हाथ करने के पहले टिकट के लिए भी बड़े इम्तिहान से गुजरना पड़ेगा। हाईकमान ने पहली दफा जिस तरह का फार्मूला बनाया है, उसमें कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के कई सांसदों के टिकट पर तलवार लटक सकती है।
लोकसभा चुनाव में अपनी जीत दोहराने के लिए भाजपा इस बार कोई कोर कसर छोडऩा नहीं चाहती। सरकार की उपलब्धियों के बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार के साथ ही प्रत्याशी चयन के लिए खास फार्मूला बनाया गया है। उच्चस्तरीय बैठक में शामिल हो चुके एक पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी ने टिकट वितरण की जो व्यवस्था बनाई, उसमें इस बार कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की दस सीटों पर कई वर्तमान सांसदों के टिकट कट सकते हैं। कई दावेदारों के प्रयास विफल हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि हर दावेदार पर पांच स्तर से फीडबैक रिपोर्ट ली जाएगी। संगठन अपनी रिपोर्ट देगा। तीन निजी एजेंसियों से अलग-अलग फीडबैक लिया जाएगा। इसके अलावा एक रिपोर्ट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा दी जाएगी। जिसके पक्ष में पांच में से ज्यादा रिपोर्ट होंगी, उन्हीं दावेदारों को टिकट मिलेगी। पैमानों पर खरा न उतरने वाले वर्तमान सांसदों के टिकट कटना तय है।
लोकसभा चुनाव में अपनी जीत दोहराने के लिए भाजपा इस बार कोई कोर कसर छोडऩा नहीं चाहती। सरकार की उपलब्धियों के बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार के साथ ही प्रत्याशी चयन के लिए खास फार्मूला बनाया गया है। उच्चस्तरीय बैठक में शामिल हो चुके एक पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी ने टिकट वितरण की जो व्यवस्था बनाई, उसमें इस बार कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की दस सीटों पर कई वर्तमान सांसदों के टिकट कट सकते हैं। कई दावेदारों के प्रयास विफल हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि हर दावेदार पर पांच स्तर से फीडबैक रिपोर्ट ली जाएगी। संगठन अपनी रिपोर्ट देगा। तीन निजी एजेंसियों से अलग-अलग फीडबैक लिया जाएगा। इसके अलावा एक रिपोर्ट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा दी जाएगी। जिसके पक्ष में पांच में से ज्यादा रिपोर्ट होंगी, उन्हीं दावेदारों को टिकट मिलेगी। पैमानों पर खरा न उतरने वाले वर्तमान सांसदों के टिकट कटना तय है।
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