घाटमपुर उपचुनाव: भाजपा ने उपेंद्र पासवान को बनाया प्रत्याशी, 2017 चुनाव में घाटमपुर से टिकट के दावेदार रहे थे
वर्तमान में भाजपा अनुसूचित मोर्चा में क्षेत्रीय अध्यक्ष हैं भाजपा उत्तर जिला इकाई में 2013 से जिला मंत्री भी रहे उपेंद्र पासवान 2013 में सुरेंद्र मैथानी की अध्यक्षता में बनी महानगर कमेटी में जिले में मंत्री बने थे
कानपुर, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र में अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र पासवान को अाखिर घाटमपुर का प्रत्याशी घोषित ही कर दिया गया। 2002 में भारतीय जनता पार्टी में जुड़ने वाले उपेंद्र पासवान ने बूथ स्तर के सदस्य के रूप में राजनीति शुरू की थी।
कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण के निधन के बाद घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र खाली हो गया था। जीती हुई सीट होने की वजह से भाजपा की तरफ से इस सीट पर लगातार बड़ी संख्या में दावेदार सामने आ रहे थे। इसके लिए 26 लोगों ने संगठन को अपना आवेदन भी दिया था जिसमें कमल रानी वरुण की बेटी स्वप्निल वरुण भी थी। मां की जगह उनके टिकट के लिए भी भाजपा में काफी लोग नाम आगे बढ़ा रहे थे और शोक संवेदना व्यक्त करने आए तमाम बडे़ नेताओं की वजह से उनका नाम टिकट की दौड़ में लगातार आगे माना जा रहा था।
दूसरी ओर बूथ से राजनीति शुरू करने वाले उपेंद्र पासवान 2013 में सुरेंद्र मैथानी की अध्यक्षता में बनी महानगर कमेटी में जिले में मंत्री बने थे। जाजमऊ छबीलेपुरवा निवासी उपेंद्र पासवान ने इसके बाद 2017 मेें विधानसभा चुनाव में उन्होंने घाटमपुर चुनाव में टिकट के लिए आवेदन किया था। उस समय कमल रानी वरुण को टिकट हासिल हो गया था। उनके दो बार सांसद रहने की वजह से संगठन ने उन्हें वहां मौका दिया था। टिकट ना मिलने पर उन्हें संगठन ने कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र में अनुसूचित मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया था। अब वह दोबारा इस सीट के लिए दावेदारी कर रहे थे और उनके सामने सबसे मजबूत दावेदारी कमल रानी वरुण की बेटी स्वप्निल की ही थी। टिकट मिलने की जानकारी होते ही उपेंद्र पासवान ने घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के सभी तरह के विकास को वह प्राथमिकता देंगे।