Bikru Case: गैंगस्टर विकास के भाई की बढ़ेंगी मुश्किलें, शुरू हुई दीप दुबे की जमानत खारिज करने की प्रक्रिया
एसएसपी ने दिया आदेश लखनऊ जेल में वारंट तामील कराएगी कानपुर पुलिस। दो हत्याओं समेत 14 मुकदमे दर्ज हैं दीप के खिलाफ। गौरतलब है कि दीपक दुबे के खिलाफ फिलहाल जो मामले चल रहे हैं उनमें उसे जल्द जमानत मिल जाने की उम्मीद है
कानपुर, जेएनएन। गैंगस्टर विकास दुबे के भाई दीप दुबे की मुश्किलें आने वाले दिनों में और बढऩे वाली हैं्र। पुलिस ने दीप दुबे को मिली जमानत खारिज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
लखनऊ और कानपुर देहात के थानों में दर्ज हैं कई मुकदमे
लखनऊ में फर्जी नंबर का वाहन प्रयोग करने के मामले में दीप दुबे के खिलाफ एक मुकदमा हुआ था। इस मामले में इसने लखनऊ की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। दीप के खिलाफ लखनऊ के कृष्णानगर थाने के अलावा कानपुर नगर में चौबेपुर और कानपुर देहात के शिवली थाने में 14 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें हत्या के दो डकैती का एक और मारपीट व गैंगस्टर के मुकदमे हैं। इसके अलावा हाल ही में इसके खिलाफ आम्र्स एक्ट और फर्जी सिम का मुकदमा चौबेपुर थाने में दर्ज कराया गया था। इन दोनों मामले में वह अब तक फरार है। डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि इन दोनों मामलों में दीप के खिलाफ वारंट लखनऊ जेल में तामील कराया जाएगा।
इनका ये है कहना
डीआइजी ने बताया कि डिब्बे के खिलाफ 2000 में ताराचंद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सिद्धेश्वर पांडे की हत्या में मुकदमा दर्ज है जिसमें उसे सजा भी हो चुकी है। फिलहाल वह सिद्धेश्वर पांडे हत्याकांड में 16 सालों से जमानत पर है। जमानत मिलने के बाद भी उसने कई अपराध किए हैं। ऐसे में पुलिस ने सिद्धेश्वर हत्याकांड सहित सभी मामलों में मिली जमानत को खारिज कराने के लिए अदालत में पैरवी करेगी। डीआइजी ने इस प्रकरण में दिशा निर्देश एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव को दे दिए हैं। गौरतलब है कि दीपक दुबे के खिलाफ फिलहाल जो मामले चल रहे हैं उनमें उसे जल्द जमानत मिल जाने की उम्मीद है, लेकिन अदालत ने अगर उसे पूर्व मैं मिली जमानत खारिज कर देगी तो दीप को लंबे समय तक जेल की सलाखों के पीछे रखा जा सकेगा