Don छोटा राजन और बाहुबली मुन्ना बजरंगी के नाम पर जारी कर दी डाक टिकट, पीएमजी ने मानी विभाग की चूक
सरकारी विभाग में कार्यप्रणाली की पोल खुलने पर डाकघर में खलबली मच गई है। पोस्ट मास्टर जनरल कानपुर परिक्षेत्र ने इसे विभागीय चूक माना है और डाक सहायक पर कार्रवाई करते हुए पूरे प्रकरण के जांच के आदेश दिए हैं।
कानपुर, जेएनएन। अबतक पोस्टल महान नेताओं, महापुरुषों और स्मारकों के चित्र डाक टिकट पर देखते रहे होंगे। लेकिन, कानपुर में बड़ा चौराहा स्थित प्रधान डाकघर से अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन [Don Chhota Rajan] और पूर्वांचल के माफिया मुन्ना बजरंगी [Munna Bajrangi] के नाम पर माई स्टैंप टिकट जारी कर दी गई है। मामला जब उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो खलबली मच गई। पोस्ट मास्टर जनरल ने डाक टिकट जारी करने वाले डाक सहायक को निलंबित कर दिया है और पूरे प्रकरण पर जांच बिठा दी है।
पीएमजी ने माना विभागीय चूक
प्रधान डाकघर के फिलेटली फिलेटली विभाग में रजनीश कुमार प्रभारी पद पर तैनात हैं, जो मॉय स्टैंप योजना के तहत आवेदन लेकर डाक टिकट जारी करते हैं। अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन और पूर्वांचल के माफिया मुन्ना बजरंगी के नाम पर माई स्टैंप टिकट जारी हुए हैं। इसमें पांच रुपये कीमत के 12-12 डाक टिकट छोटा राजन व मुन्ना बजरंगी के नाम वाले हैं। डॉन और माफिया के नाम से डाक टिकट का जारी होना विभाग के लिए मुसीबत बन गया है।
पोस्ट मास्टर जनरल कानपुर परिक्षेत्र वीके वर्मा ने इसे विभागीय चूक माना है। वह कहते हैं कि प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आने पर प्रभारी रजनीश को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही नोटिस जारी करके विभागीय कर्मचारियों से जवाब मांगा गया है। विभाग में मॉय स्टैंप टिकट के आवेदन संबंधी सभी फाइलें मंगाकर जांच की जा रही है। पूरे प्रकरण के जांच के आदेश दिए गए हैं।
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मुंबई का अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन
एक साल पहले सीबीआइ ने छोटा राजन और उसके साथियों पर चार नए केस दर्ज किए थे। उसे होटल व्यवसायी बीआर शेट्टी की हत्या के प्रयास के मामले में मुंबई की एक अदालत ने 2012 में आठ साल कैद की सजा सुनाई थी। छोटा राजन इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद बताया जा रहा है। 25 अक्टूबर 2015 को छोटा राजन को इंडोनेशिया से पकड़ा गया था। बताया जाता है कि डी-कंपनी से जान का खतरा देखते हुए उसे जेल वार्ड परिसर से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। उसके और उसके सहयोगियों के खिलाफ हत्या, जबरन वसूली, अपहरण और दूसरों के बीच अवैध हथियार रखने समेत 80 से भी ज्यादा केस दर्ज हैं। वहीं कई मामले मुंबई पुलिस से सीबीआइ में स्थानांतरित भी हो चुके हैं।
बागपत डॉन मुन्ना बजरंगी
उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी का खौफ लोगों में ही नहीं अपराधियों में भी था। बागपत जेल में उसकी हत्या कर दी गई थी। उस समय मुन्ना पर बड़ौत के पूर्व बसपा विधायक पर रंगदारी मांगने और धमकी देने का आरोप था। यूपी के जौनपुर के पूरेदयाल गांव में उसका जन्म 1967 में हुआ था। उसने कक्षा पांच तक ही पढ़ाई की थी और फिर जरायम की दुनिया में कदम रख दिया था।
जौनपुर के भाजपा नेता रामचंद्र सिंह की हत्या के बाद वह पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी के गैंग में शामिल हो गया था। इसके बाद मुन्ना बजरंगी ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की 29 नवंबर 2005 को हत्या कर दी थी। यूपी समेत कई राज्यों में मुन्ना बजरंगी के खिलाफ केस दर्ज हुए। 29 अक्टूबर 2009 को दिल्ली पुलिस ने मुन्ना को मुंबई के मलाड इलाके में नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किया था।