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कानपुर में फोन पर ओटीपी बताते ही युवक के खाते से कट गए 58 हजार, फर्जी बैंक कर्मी ने किया था फाेन

नौबस्ता के उदय नगर किदवई नगर निवासी नीलेश दीक्षित एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में डिलीवरी इंचार्ज हैं। नीलेश ने बताया कि तीन माह पहले उन्होंने बजार फिन्सर्व आरबीएल बैंक से क्रेडिट कार्ड लिया था। बैंक की ओर से बिना उनकी सहमति के एक स्वास्थ्य बीमा पालिसी भी दे दी गई थी।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 09:30 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 09:30 PM (IST)
कानपुर में ठगी की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। नौबस्ता में साइबर ठगों ने बैंक कर्मी बनकर ट्रांसपोर्ट कंपनी के डिलीवरी इंचार्ज के खाते से 58 हजार रुपये की नकदी उड़ा दी। मैसेज आने पर जानकारी हुई तो उन्होंने नौबस्ता थाने में तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई है।

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नौबस्ता के उदय नगर किदवई नगर निवासी नीलेश दीक्षित एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में डिलीवरी इंचार्ज हैं। नीलेश ने बताया कि तीन माह पहले उन्होंने बजार फिन्सर्व आरबीएल बैंक से क्रेडिट कार्ड लिया था। बैंक की ओर से बिना उनकी सहमति के एक स्वास्थ्य बीमा पालिसी भी दे दी गई थी। जिसकी एवज में उनके खाते से प्रीमियम की राशि भी कट रही थी। दो सौ रुपये की धनराशि कटने पर उन्होंने गूगल से आरबीएल बैंक का कस्टमर केयर नंबर निकाल कर शिकायत की थी। आरोप है कि 16 सितंबर को उनके पास एक युवती की काल आयी। युवती ने उनसे क्रेडिट कार्ड की जानकारी लेते हुए बीमा पालिसी के संबंध में जानकारी हासिल की।  आरोप है कि रुपये भेजने के नाम पर युवती ने ओटीपी मांगा। ओटीपी बताने के बाद क्रेडिट कार्ड से 58 हजार रुपये कट गये। जिस पर उन्होंने मोबाइल नंबर धारक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। थाना प्रभारी नौबस्ता सतीश कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर मामले जांच की जा रही है। 

बैक अधिकारियों समेत 19 पर धोखाधड़ी का मुकदमा: सिविल लाइंस निवासी नरेंद्र ङ्क्षसह ने दी तहरीर में बताया कि पटकापुर निवासी उनके परिचित संजीव अरोड़ा ने वर्ष 2009 में उन्हें एक मकान दिखाया था। संजीव ने उन्हें बताया कि यह मकान उनका है। बैंक से कर्ज लिया था, जिसे वह चुका नहीं पाये थे। जिसके चलते बैंक उनके प्लाट की नीलामी कर रही है। संजीव ने उन्हें कई बैंक अफसरों से मिलवाया। आरोप है कि नीलामी में उन्हें प्लाट दिलाया, लेकिन उस पर कब्जा नहीं मिल सका है। कई बार बैंक अधिकारियों के पास गए और गुहार भी लगाई, लेकिन हर बार अफसर उन्हें कभी दिल्ली तो कभी मुंबई काम से बाहर होने की बात कहकर टरकाते रहे। थाना पुलिस से शिकायत पर सुनवाई नहीं हुई तो न्यायालय में गुहार लगाई। उन्होंने संजीव अरोड़ा, राजेंद्र कुमार, समेत 19 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। कोतवाली पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया है। 


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