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महोबा में टूट गईं मजहब की बेड़ियां, पंचायत ने दी मुस्लिम युवक को मंदिर में पूजन की अनुमति

महोबा के चरखारी के ग्राम बसौठ में प्राचीन बड़ी माता मंदिर में मुस्लिम युवक के पूजन करने पर विगत दिनों गांव के कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी। तनाव की आशंका के चलते प्रधान की सूचना पर सीओ ने गांव पहुंचकर पंचायत कराई।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 02:13 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 05:32 PM (IST)
महोबा में टूट गईं मजहब की बेड़ियां, पंचायत ने दी मुस्लिम युवक को मंदिर में पूजन की अनुमति
प्रधान व ग्रामीणों ने पंचायत में सुलझाया मामला।

महोबा, जेएनएन। यूपी के महोबा जनपद के एक गांव में हिंदू-मुस्लिम एकता की बड़ी मिसाल सामने आई है,। यहां उस समय मजहब की बेड़ियां टूट गईं, प्रधान और ग्रामीणों की चौपाल में मुस्लिम युवक को मदेवी मंदिर में पूजन करने की अनुमति दी गई है। कुछ लोगों एतराज के बाद सीओ उमेश चंद्र फोर्स के साथ गांव पहुंचे थे और ग्रामीणों बैठक के बाद आपसी सहमति से उसे माता मंदिर में पूजन की अनुमति देने पर सहमति बन गई।

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महोबा के चरखारी कोतवाली के खरेला थाना क्षेत्र के ग्राम बसौठ में प्राचीन बड़ी माता मंदिर है। गांव में रहने वाला मुस्लिम युवक 35 वर्षीय अनीस अहमद करीब बीस साल से मंदिर में पूजन कार्य करता चला आ रहा है। विगत दिनों गांव के कुछ लोगों ने मुस्लिम युवक द्वारा मंदिर में पूजन पर आपत्ति जताई थी। विवाद बढ़ता देखकर प्रधान की सूचना पर सीओ उमेशचंद्र पुलिस फोर्स के साथ गांव पहुंचे। लोगों ने बताया कि अनीस अहमद कई साल से मंदिर में पूजन करता रहा है।

अनीस ने बताया कि जब वह 14 वर्ष का था तब मंदिर परिसर में लेटे होने के दौरान किसी कीड़े ने कान में काट लिया था और अचेत हो गया था। इसपर माता-पिता ने उसे अचेता अवस्था में मंदिर में लिटाकर जीवन की रक्षा के लिए देवी माता के सामने प्रार्थना की थी। इसके बाद बाद वह स्वस्थ हो गया तो उसकी माता रानी के प्रति अटूट श्रद्धा हो गई। तब से वह मंदिर में नियमित पूजन करने आ रहा है। अबतक कभी भी किसी ग्रामीण ने कोई आपत्ति नहीं की थी।

उसने बताया कि वह मंदिर में पूजा और सेवा कार्य करता रहा है लेकिन अब कुछ लोग इसे बेवजह तूल दे रहे हैं। ग्राम प्रधान ज्ञान सिंह कुशवाहा ने बताया कि कुछ ग्रामीण विरोध जताने लगे थे, इसीलिए तनाव की आशंका के चलते सूचना सीओ चरखारी को दी थी। मौके पर पहंचे सीओ उमेश चंद्र ने कहा कि किसी भी धर्म संप्रदाय के व्यक्ति को अपनी आस्था व्यक्त करने की स्वतंत्रता है, और यदि मुस्लिम युवक नियमित पूजन अर्चन कर रहा है तो उसे रोका नहीं जा सकता। ग्रामीणों की आम सहमति के आधार पर युवक को पूजा करने की अनुमति दे दी गई है। प्रधान का कहना है कि मुस्लिम युवक के मंदिर में पूजन से हम लोगों को कोई आपत्ति नहीं है। उसे अनुमति दे दी गई है।


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