पूर्व केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप के बाद आइसीयू में शिफ्ट किए गए छात्र की टूट गईं सांसें
दिल्ली में पढ़ाई कर रहे भागलपुर निवासी युवक के इलाज में लापरवाही की शिकायत पीएमओ और शाहनवाज हुसैन के हस्तक्षेप पर आइसीयू में शिफ्ट किया गया था।
By Edited By: Published: Tue, 29 Jan 2019 01:43 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 11:29 AM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। दिल्ली में पढ़ाई कर रहे भागलपुर निवासी युवक के इलाज में लापरवाही की शिकायत पर पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन के हस्तक्षेप पर रविवार देर रात आइसीयू में शिफ्ट किया गया था। जहां इलाज के दौरान देर रात तीन बजे उसने दम तोड़ दिया। युवक की मौत पर परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।
बिहार के भागलपुर स्थित दयालपुर गांव निवासी संदीप कुमार झा (22) दिल्ली के गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में एमसीए प्रथम वर्ष का छात्र था। हादसे की सूचना मिलने पर मां बेबी देवी, बड़ा भाई दीपक और दो शादीशुदा बहने प्रियंका एवं प्रीति यहां आ गए थे। चचेरे भाई शिव प्रकाश के मुताबिक संदीप 12 जनवरी को दिल्ली से विक्रमशिला एक्सप्रेस से भागलपुर के लिए चला था। कई दिनों तक घर नहीं पहुंचने पर तलाश शुरू की गई। दिल्ली, प्रयागराज, मुगलसराय और पटना रेलवे पुलिस से संपर्क किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भागलपुर के पूर्व सांसद शहनवाज हुसैन से संपर्क किया। उनके हस्तक्षेप पर रेलवे पुलिस हरकत में आई। तब पता चला कि संदीप 13 तारीख को पनकी स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक के किनारे पड़ा मिला था। उसके दोनों पैर कटने पर आरपीएफ ने कानपुर के एलएलआर अस्पताल (हैलट) में भर्ती कराया था। इस पर 23 जनवरी को सभी आ गए।
आरोप है कि संदीप के इलाज और देखभाल में लापरवाही बरती जा रही थी। रविवार देर रात हालत बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई। बहन प्रियंका का कहना था कि जानकारी मिलते ही सभी 23 जनवरी को अस्पताल आ गए थे। आरोप है कि इस दौरान संदीप की एक बार भी ड्रेसिंग नहीं हुई। इससे ही लापरवाही का अंदाजा लगा सकते हैं। रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री शहनवाज हुसैन से इलाज नहीं मिलने की शिकायत की थी। उन्होंने पीएमओ से फोन करवाया, तब जाकर संदीप को आइसीयू में शिफ्ट किया गया था। चचेरे भाई शिव प्रकाश का कहना है कि संदीप ने विक्रमशिला एक्सप्रेस से घर आने की जानकारी दी थी। उसके पास मोबाइल, लैपटॉप व अन्य सामान था। आरपीएफ के मुताबिक उसके पास कुछ नहीं था। वह नशे की हालत में था।
इससे आशंका है कि ट्रेन में जहरखुरानों ने संदीप को शिकार बनाकर मोबाइल, लैपटॉप, रुपये व बैग लूट कर फेंक दिया हो। उसके सिर पर भी गंभीर चोटें थीं। दोनों पैर भी कटे गए थे। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरती लालचंदानी ने बताया कि अत्यधिक रक्त बहने से बहुत ही गंभीर स्थिति में आया था। उसकी देखभाल में चार डॉक्टरों की टीम लगी थी। इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई है।
बिहार के भागलपुर स्थित दयालपुर गांव निवासी संदीप कुमार झा (22) दिल्ली के गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में एमसीए प्रथम वर्ष का छात्र था। हादसे की सूचना मिलने पर मां बेबी देवी, बड़ा भाई दीपक और दो शादीशुदा बहने प्रियंका एवं प्रीति यहां आ गए थे। चचेरे भाई शिव प्रकाश के मुताबिक संदीप 12 जनवरी को दिल्ली से विक्रमशिला एक्सप्रेस से भागलपुर के लिए चला था। कई दिनों तक घर नहीं पहुंचने पर तलाश शुरू की गई। दिल्ली, प्रयागराज, मुगलसराय और पटना रेलवे पुलिस से संपर्क किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भागलपुर के पूर्व सांसद शहनवाज हुसैन से संपर्क किया। उनके हस्तक्षेप पर रेलवे पुलिस हरकत में आई। तब पता चला कि संदीप 13 तारीख को पनकी स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक के किनारे पड़ा मिला था। उसके दोनों पैर कटने पर आरपीएफ ने कानपुर के एलएलआर अस्पताल (हैलट) में भर्ती कराया था। इस पर 23 जनवरी को सभी आ गए।
आरोप है कि संदीप के इलाज और देखभाल में लापरवाही बरती जा रही थी। रविवार देर रात हालत बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई। बहन प्रियंका का कहना था कि जानकारी मिलते ही सभी 23 जनवरी को अस्पताल आ गए थे। आरोप है कि इस दौरान संदीप की एक बार भी ड्रेसिंग नहीं हुई। इससे ही लापरवाही का अंदाजा लगा सकते हैं। रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री शहनवाज हुसैन से इलाज नहीं मिलने की शिकायत की थी। उन्होंने पीएमओ से फोन करवाया, तब जाकर संदीप को आइसीयू में शिफ्ट किया गया था। चचेरे भाई शिव प्रकाश का कहना है कि संदीप ने विक्रमशिला एक्सप्रेस से घर आने की जानकारी दी थी। उसके पास मोबाइल, लैपटॉप व अन्य सामान था। आरपीएफ के मुताबिक उसके पास कुछ नहीं था। वह नशे की हालत में था।
इससे आशंका है कि ट्रेन में जहरखुरानों ने संदीप को शिकार बनाकर मोबाइल, लैपटॉप, रुपये व बैग लूट कर फेंक दिया हो। उसके सिर पर भी गंभीर चोटें थीं। दोनों पैर भी कटे गए थे। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरती लालचंदानी ने बताया कि अत्यधिक रक्त बहने से बहुत ही गंभीर स्थिति में आया था। उसकी देखभाल में चार डॉक्टरों की टीम लगी थी। इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई है।
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