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प्रहरी एप के उपयोग में कानपुर कमिश्नरेट और आउटर पुलिस फिसड्डी, जानिए किस लिए किया गया था तैयार

Kanpur News बीट पुलिसिंग को मजबूत और प्रभावी बनाने के लिए प्रहरी एप तैयार किया गया था। एप से बीट सिपाहियों की लोकेशन और उनके काम पर अधिकारी नजर रख सकते है। लेकिन मौजूदा समय की बात करें तो इसका करने में पुलिस फिसड्डी साबित हो रही है।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Thu, 21 Apr 2022 09:46 AM (IST)Updated: Thu, 21 Apr 2022 09:46 AM (IST)
कानपुर में बीट प्रहरी एप लांच किया गया था।

कानपुर, आशीष पांडेय। बीट पुलिसिंग को मजबूत और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से प्रदेश में बीट प्रहरी एप लांच किया गया था। इसमें बीट के सिपाहियों के एंड्रायड मोबाइल पर यह एप डाउनलोड करा इसका प्रशिक्षण भी दिया गया, लेकिन प्रभावी रूप से इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इस एप के इस्तेमाल में कानपुर कमिश्नरेट और आउटर पुलिस फिसड्डी साबित हो रही है, जबकि दूसरे जिलों ने 85 प्रतिशत तक स्कोर किया है।

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वर्ष 2020 में यूपी काप के बाद पुलिस विभाग के लिए बीट प्रहरी एप तैयार किया गया था। बीट बुक की तरह से ही इस एप पर सिपाहियों को बीट में होने वाली घटनाएं, आयोजन, बीट के सक्रिय अपराधी, शस्त्र लाइसेंस, लूट, हत्या और डकैती जैसे गंभीर अपराध होने पर वहां जाने के बाद घटनास्थल व इससे संबंधित जानकारियां अपलोड करनी होती थीं। इस एप के माध्यम से थाना प्रभारी व आला अफसर संबंधित बीट के सिपाही और उसकी लोकेशन पर नजर रखते थे। फरवरी 2022 में एडीजी-आइजी तकनीकी सेवाएं मुख्यालय मोहित अग्रवाल द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कानपुर कमिश्नरेट और आउटर एप के उपयोग में फिसड्डी साबित हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक शस्त्र लाइसेंस के मामले में आउटर में एक प्रतिशत से भी कम डाटा फीडिंग हुई है। वहीं हिस्ट्रीशीटरों के सत्यापन की भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। एडीजी-आइजी तकनीकी सेवाएं मुख्यालय ने कमिश्नरेट और आउटर के अधिकारियों को पत्र भेजकर एप का इस्तेमाल बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

कार्रवाई तो हुई, लेकिन एप के माध्यम से नहीं

कमिश्नरेट और आउटर के अधिकारियों के मुताबिक चुनाव के दौरान शस्त्र जमा करने और हिस्ट्रीशीटरों के सत्यापन की कार्रवाई तो की गई, लेकिन यह एप के माध्यम से नहीं हुई। एप इस्तेमाल के पीछे के कारणों की बात की जाए तो अधिकारियों का कहना है कि यह एप संबंधित बीट सिपाही के मोबाइल पर होता है। तबादला होने की स्थिति में नए सिपाहियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

शस्त्र लाइसेंस सत्यापन के आकंड़े

जिला                लाइसेंस संख्या                सत्यापन संख्या          प्रतिशत

पूर्वी जोन                5396                            132                 2.44

पश्चिम जोन               6718                              70                 1.04

साउथ जोन             6845                            196                  2.86

आउटर                  8042                              34                 0.42

हिस्ट्रीशीट सत्यापन के आंकड़े

पूर्वी जोन                 509                              64                      12.57

पश्चिम जोन             595                               26                       4.36

साउथ जोन             488                                26                        5.32

आउटर                  663                                15                       2.26

बोले जिम्मेदार: चुनाव के समय शस्त्र लाइसेंस और हिस्ट्रीशीटरों पर शत प्रति कार्रवाई की गई है, जिसकी रिपोर्ट आयोग को भी भेजी गई है। यह हो सकता है कि कार्रवाई एप के माध्यम से न हुई हो। जल्द ही इस व्यवस्था को दुरुस्त कराया जाएगा। - विजय सिंह मीना, पुलिस आयुक्त


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