विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे क्लाइंट हों तो सावधान रहें सीए
सीआइआरसी व मर्चेंट चैंबर की गोष्ठी में आइसीएआइ के पूर्व अध्यक्ष नीलेश विकमसे ने दी सलाह।
कानपुर, जागरण संवाददाता। किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट के क्लाइंट विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे हों तो वे सावधान रहें क्योंकि वे दोनों तो भाग गए लेकिन उनके आसपास के निर्दोष लोग फंस गए। यह सलाह इंस्ïटीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट आफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष नीलेश विकमसे ने दी। वह मर्चेंट चैंबर में सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल और मर्चेंट चैंबर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
पिछले माह नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद पद छोडऩे वाले नीलेश विकमसे ने कहा कि सीए के प्रोफेशन में जोखिम लगातार बढ़ रहा है।
हमारे हस्ताक्षर विश्वसनीयता की गारंटी होते हैं लेकिन आज उनकी वैल्यू कम हो रही है। अपने सिग्नेचर की वैल्यू हमें समझनी होगी। किसी भी कागज पर साइन करने से पहले सोचना चाहिए कि हम क्या कर रहे हैं। उनके मुताबिक आज क्लाइंट की मानसिकता संकीर्ण होती जा रही है। वे पैसे से हर चीज तौलने लगे हैं। उन्हें पैसे नहीं कार्य की गुणवत्ता देखनी चाहिए। गलत काम के लिए लोग ज्यादा फीस देने को तैयार रहते हैं लेकिन उसके खतरे बहुत ज्यादा हैं। इसलिए हम जो करें, ठीक से करें। सरकार भी चाहती है कि जो गलती हो, पहले उसकी सजा दी जाए, फिर बात हो।
उनके अनुसार सीए को अपनी फर्म को आगे बढ़ाने के लिए सोचना चाहिए। सक्सेशन की योजना बनानी चाहिए ताकि जो फर्म बनाई है, वह उनके न रहने पर भी चले। युवाओं को जोड़ें क्योंकि वे तकनीक को अच्छे से जानते हैं। क्लाइंट भी सोचता है कि फर्म आगे भी चलती रहेगी। इससे कारोबार बढ़ेगा। आज युवा सीए जॉब की ओर जा रहे हैं। उन्हें प्रोफेशन की ओर मोडऩे की जरूरत है।
गोष्ठी में सेंट्रल काउंसिल मेंबर एनसी हेगड़े ने बताया कि किसी रिश्तेदार से प्राप्त धन कर योग्य नहीं है। साथ ही दान या गिफ्ट के रूप में किसी ट्रस्ट को मिला धन भी कर योग्य नहीं है। अध्यक्षता सुधींद्र जैन ने की। संचालन ऋचा अग्र्रवाल ने किया। धन्यवाद रीजनल काउंसिल मेंबर अतुल मेहरोत्रा ने दिया। इस मौके पर मर्चेंट चैंबर अध्यक्ष बीएम गर्ग, सेमिनार कमेटी के चेयरमैन अतुल कनोडिया, सेंट्रल काउंसिल मेंबर मनु अग्र्रवाल, रीजनल काउंसिल सचिव अभिषेक पांडेय आदि रहे।