सावधान ! बावरिया गिरोह की आहट से पुलिस अलर्ट, वारदात करने का अलग है अंदाज
सर्द रातों में शिकार खोजने निकले बावरिया गिरोह की शहर में आहट के संकेत मिलते ही पुलिस ने सक्रियता बढ़ा दी है।
By Edited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 01:33 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 01:47 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। सर्द रातों में शिकार खोजने निकले बावरिया गिरोह की शहर में आहट के संकेत मिलते ही पुलिस ने सक्रियता बढ़ा दी है। चौबेपुर में कटरी में संदिग्ध लोगों के देखे जाने पर पुलिस ने क्षेत्र में कांबिंग की। वहीं, दूसरा गिरोह शादी समारोह में जेवर पार करने का काम करता है, इसके चलते गेस्ट हाउस व बरातशाला में भी निगरानी बढ़ा दी है। संचालकों को हर कोने में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। एसएसपी अनंत देव तिवारी ने पुलिस कर्मियों को ड्यूटी चार्ट के आधार पर रात में सघन चेकिंग अभियान व गश्त करने के आदेश दिए हैं।
आउटर क्षेत्र के मोहल्लों को बनाते निशाना
शहर के बाहरी हिस्सों, नदी व रेलवे ट्रैक के किनारे मोहल्लों में वारदात को अंजाम देने वाले बावरिया व कच्छा-बनियान गिरोह ने बीते सालों में चौबेपुर, बिठूर, शिवराजपुर, बिल्हौर, नौबस्ता आदि इलाकों में घटनाएं की हैं। इसको देखते हुए चौबेपुर में संदिग्ध लोगों को देखे जाने के बाद पुलिस की सक्रियता बढ़ी है। एसएसपी अनंतदेव तिवारी ने बताया कि रात एक बजे से सुबह पांच बजे तक सघन गश्त करने के आदेश दिए गए हैं। आउटर क्षेत्र के ढाबों, कबीलों, पुरानी कॉलोनी और काफी देर से खड़े वाहनों को चेक करने को कहा है।
सर्द रातों में करते लूटपाट
बावरिया अभी भी अपने पुरखों से चली आ रही रीति अपनाए हुए हैं। ये अंधेरी पाख (कृष्णपक्ष की रात) में वारदात को अंजाम देते हैं और उजाले में (शुक्ल पक्ष) अपने ठिकानों पर पहुंच जाते हैं। गिरोह राजस्थान भरतपुर के चौधरीपुर का नगला में ठिकाना बनाए है। यहीं से प्रदेश के भिन्न-भिन्न शहरों में प्रवेश करते हैं।
महिलाएं करतीं रेकी, पुरुष करते लूट
गिरोह के सदस्यों के घरों की महिलाएं कपड़े, घड़ी, छुहारा और सजावटी सामान की फेरी लगा लोगों की रेकी करती हैं। इसके आधार पर पुरुष सदस्य लूटपाट की घटना को अंजाम देते हैं। वहीं, महिलाएं व बच्चे शादी समारोह में मौका पाते ही जेवर पार कर भाग निकलते हैं। यह हथियार प्रयोग में लाते गिरोह के सदस्य घर के आसपास मिलने वाले पेड़ से तोड़े गए डंडे, घर में रखा सिल-बंट्टा और लोहे की रॉड से हमला कर लूटपाट करते हैं। यहां बना रखे हेड क्वार्टर बावरिया गिरोह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद, मध्य में कानपुर और पूर्व में बनारस में हेड क्वार्टर बना रखा है। वहीं, इससे जुड़े मध्य प्रदेश के पारदी जाति के लोग यूपी के मध्य व पूर्वी क्षेत्र और बांग्लादेशी पश्चिम में वारदात करते हैं। सरगना हरिद्वार व दिल्ली में बैठकर गिरोह को कमांड करते हैं।
बावरिया का खूनी इतिहास
यह राजस्थान की घुमंतू जाति है, जिसके खून में ही अपराध बसा है। इसके चलते उसे स्थानीय पुलिस ने वहां से भगा दिया। मगर, मानवाधिकार हनन की याचिका के चलते सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर उन्हें एक साथ भरतपुर में चौधरी का नगला में दोबारा बसाया गया।
सावधान! एक कमरे में न सोए पूरा परिवार
पूरा परिवार एक कमरे में न सोए, आहट मिलने पर तस्दीक बगैर कमरे का दरवाजा न खोलें। जीने में दरवाजे और आंगन में जाल लगाएं, घर के आसपास खाली प्लाट होने पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रखें। घर पर पुलिस अधिकारियों के नंबर भी रखें। किसी भी आशंका पर कंट्रोल रूम के साथ पड़ोसियों को सूचना दें।
आउटर क्षेत्र के मोहल्लों को बनाते निशाना
शहर के बाहरी हिस्सों, नदी व रेलवे ट्रैक के किनारे मोहल्लों में वारदात को अंजाम देने वाले बावरिया व कच्छा-बनियान गिरोह ने बीते सालों में चौबेपुर, बिठूर, शिवराजपुर, बिल्हौर, नौबस्ता आदि इलाकों में घटनाएं की हैं। इसको देखते हुए चौबेपुर में संदिग्ध लोगों को देखे जाने के बाद पुलिस की सक्रियता बढ़ी है। एसएसपी अनंतदेव तिवारी ने बताया कि रात एक बजे से सुबह पांच बजे तक सघन गश्त करने के आदेश दिए गए हैं। आउटर क्षेत्र के ढाबों, कबीलों, पुरानी कॉलोनी और काफी देर से खड़े वाहनों को चेक करने को कहा है।
सर्द रातों में करते लूटपाट
बावरिया अभी भी अपने पुरखों से चली आ रही रीति अपनाए हुए हैं। ये अंधेरी पाख (कृष्णपक्ष की रात) में वारदात को अंजाम देते हैं और उजाले में (शुक्ल पक्ष) अपने ठिकानों पर पहुंच जाते हैं। गिरोह राजस्थान भरतपुर के चौधरीपुर का नगला में ठिकाना बनाए है। यहीं से प्रदेश के भिन्न-भिन्न शहरों में प्रवेश करते हैं।
महिलाएं करतीं रेकी, पुरुष करते लूट
गिरोह के सदस्यों के घरों की महिलाएं कपड़े, घड़ी, छुहारा और सजावटी सामान की फेरी लगा लोगों की रेकी करती हैं। इसके आधार पर पुरुष सदस्य लूटपाट की घटना को अंजाम देते हैं। वहीं, महिलाएं व बच्चे शादी समारोह में मौका पाते ही जेवर पार कर भाग निकलते हैं। यह हथियार प्रयोग में लाते गिरोह के सदस्य घर के आसपास मिलने वाले पेड़ से तोड़े गए डंडे, घर में रखा सिल-बंट्टा और लोहे की रॉड से हमला कर लूटपाट करते हैं। यहां बना रखे हेड क्वार्टर बावरिया गिरोह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद, मध्य में कानपुर और पूर्व में बनारस में हेड क्वार्टर बना रखा है। वहीं, इससे जुड़े मध्य प्रदेश के पारदी जाति के लोग यूपी के मध्य व पूर्वी क्षेत्र और बांग्लादेशी पश्चिम में वारदात करते हैं। सरगना हरिद्वार व दिल्ली में बैठकर गिरोह को कमांड करते हैं।
बावरिया का खूनी इतिहास
यह राजस्थान की घुमंतू जाति है, जिसके खून में ही अपराध बसा है। इसके चलते उसे स्थानीय पुलिस ने वहां से भगा दिया। मगर, मानवाधिकार हनन की याचिका के चलते सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर उन्हें एक साथ भरतपुर में चौधरी का नगला में दोबारा बसाया गया।
सावधान! एक कमरे में न सोए पूरा परिवार
पूरा परिवार एक कमरे में न सोए, आहट मिलने पर तस्दीक बगैर कमरे का दरवाजा न खोलें। जीने में दरवाजे और आंगन में जाल लगाएं, घर के आसपास खाली प्लाट होने पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रखें। घर पर पुलिस अधिकारियों के नंबर भी रखें। किसी भी आशंका पर कंट्रोल रूम के साथ पड़ोसियों को सूचना दें।
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