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गोमूत्र से जलेगा बल्ब, कानपुर की गौशाला में तैयार की गई बैट्री, लैंप-एलईडी व टार्च

बैट्री में गोमूत्र भर कर उससे टेबल लैंप, एलईडी और टार्च जलाने में सफलता मिली है। अभी परीक्षण प्रारंभिक दौर में है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 28 Jul 2018 01:39 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jul 2018 01:39 PM (IST)
गोमूत्र से जलेगा बल्ब, कानपुर की गौशाला में तैयार की गई बैट्री, लैंप-एलईडी व टार्च
गोमूत्र से जलेगा बल्ब, कानपुर की गौशाला में तैयार की गई बैट्री, लैंप-एलईडी व टार्च

कानपुर (जेएनएन)। गाय एक, फायदे अनेक। दूध के साथ ही गोबर और गोमूत्र से बने तमाम उत्पादों की मांग बाजार में बढ़ रही है। इस बीच अब गोमूत्र रोशनी के इंतजाम में भी उपयोगी बनकर सामने आया है। भौंती गोशाला में हुए परीक्षण के दौरान बैट्री में गोमूत्र भर कर उससे टेबल लैंप, एलईडी और टार्च जलाने में सफलता मिली है। अभी परीक्षण प्रारंभिक दौर में है। इसे पूरी तरह से तैयार कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष पेश करने की अनुमति मांगी गई है।

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बाद में इसे बड़े पैमाने पर बाजार में उतारने की तैयारी हो रही है।

भौंती गोशाला गाय के गोबर और मूत्र से साबुन से लेकर शैंपू, मच्छर भगाने की क्वायल से लेकर और भी कई तरह की सामग्री बन रही है। अब यहां के लैब टेक्नीशियन विवेक सिंह, मैनेजर संजीव दुबे ने गोमूत्र के माध्यम से बैट्री तैयार कर ली है।

ऐसा उपकरण बनाया

एक बारह वोल्ट की क्षमता वाली खाली बैट्री में 400 मिली लीटर तक गोमूत्र भरा जाता है। इसके बाद उसमें प्लस-माइनस के दो प्वाइंट देकर कनेक्शन बाहर निकाले जाते हैं। लकड़ी के बाक्स में बंद बैट्री के ऊपर एलईडी बल्ब व टेबिल लैंप लगाकर जलाया जाता है। इसकी क्षमता पांच वोल्ट तक की है। इसे और किसी माध्यम से चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती।

3500 रुपये में पांच साल चलेगी बैटरी

यह बैट्री पांच साल तक अनवरत चलती रहेगी। हर चार सौ घंटे के बाद बैट्री में नया गोमूत्र डाल दिया जाएगा। उपकरण की कीमत 3500 रुपये है। इस एक बैट्री से एक कमरे को रोशन किया जा सकता है। इसकी क्षमता और बढ़ाने को लेकर परीक्षण जारी है।

भोपाल में हुआ तकनीकी परीक्षण

ऊर्जा विकास निगम ने गोमूत्र आधारित बैट्री संयंत्र के तकनीकी परीक्षण के लिए राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के ऊर्जा विभाग को 20 जुलाई 2011 को पत्र भेजा था। भोपाल में इसका तीन अगस्त 2011 को विभागाध्यक्ष डा. वीके सेठी की देखरेख में परीक्षण किया गया। बैट्री को 400 घंटे चलाकर परीक्षण किया गया। 19 अगस्त प्रति 12 घंटे में प्राप्त वोल्टेज में गिरावट को मापा गया।

सीएम से मांगा समय

कानपुर देहात डीएम के समक्ष इस उपकरण का प्रदर्शन करते हुए उनके माध्यम से सीएम से समय मांगा गया है। गोशाला के संयोजक सुरेश गुप्ता ने बताया कि बैटरी किट का अभी प्रारंभिक परीक्षण है। सीएम के समक्ष प्रदर्शित करने के बाद इसमें और भी जो सुधार किया जाना संभव होगा, किया जाएगा। 


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