Banda Boat Accident केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति का तीखा प्रहार, बोली- प्रशासन की लापरवाही हो रही साबित
Banda Boat Accident बांदा के मरका घाट से फतेहपुर की ओर जा रही नाव यमुना की बीच धारा में पलट गई। नाव पलटने से कई घरों में मातम छा गया। तो कई 24 घंटे बीत जाने के बाद भी अपनों की तलाश में घाट पर बैठे हुए है।
बांदा, जागरण संवाददाता। Banda Boat Accident गुरुवार को मरका घाट से फतेहपुर की ओर जा रही नाव यमुना की बीच धारा में पलट गई। नाव के पलटते ही लाेगों में चीख-पुकार मच गई। वहीं, नाव में करीब 50 लोग सवार थे। रक्षाबंधन पर भाइयों को राखी बांधने जा रहे महिलाओं और बच्चों के साथ पत्नियों को मायके छोड़ घर लौट रहे पुरुषों की संख्या अधिक थी।
यमुना की बीच धारा में पहुंचने पर नाविक का किलवार (नाव मोड़ने वाला) टूट गया जिस कारण से वह तेज धारा में अनियंत्रित हो गई और उसमें पानी भरने लगा। कुछ लोग तैरकर किनारे आ गए, बाकी नाव के साथ ही डूब गए। 24 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी एनडीआरफ और एसडीआरफ की टीम लगातार लोगों की तलाश कर रही है।
मरका में नदी घाट पर शुक्रवार को करीब पौने तीन बजे पहुंची केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति पहुंची। जहां उन्होंने अपनों की तलाश में बैठे स्वजन को सांत्वना दी है। साथ ही उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने नाव हादसे के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
कहा कि अगर प्रशासन चाहता तो इतने लोगों की मौत नहीं होती। दबे लोगों को बाहर निकाला जा सकता था। अधिकारियों से पूछा कि बचाव राहत कार्य टीम को कौन अधिकारी लीड कर रहा है। 24 घंटे बीत गए और अभी तक एक की भी तलाश नहीं हो पाई है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के निर्देश पर हम लोग यहां पहुंचे हैं। पीएम व सीएम का निर्देश है कि युद्ध स्तर पर राहत कार्य चलाया जाए। जनता के हर दुख-दर्द को अपना समझकर अधिकारी कार्य करें। लापरवाही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने रेस्क्यू आपरेशन देखते हुए कहा कि कांटा और जाल ऊपर से क्यों डलवाया जा रहा है। नीचे की तरफ से इनको डलवाया जाता तो दबे लोगों की तलाश की जा सकती थी।