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Banda Boat Accident : एनडीआरएफ का डूबी नाव निकालने पर जोर, डाला गया कांटा, अब तक 12 लोगों के मिले शव

Banda Boat Accident Update News बांदा के यमुना नदी में नाव डूब गई थी। जिसमें अब तक 12 लोगों के शव मिल चुके है। वहीं एनडीआरएफ की टीम डूबी नाव को कांटा डालकर निकालने पर जोर लगा रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 07:22 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 07:22 PM (IST)
Banda Boat Accident : एनडीआरएफ का डूबी नाव निकालने पर जोर, डाला गया कांटा, अब तक 12 लोगों के मिले शव
Banda Boat Accident Update बांदा में यमुना में डूबने में अब तक 12 लोगों के शव मिल चुके है।

बांदा, जागरण संवाददाता। Banda Boat Accident Update यमुना में गुरुवार को नाव पलटने के बाद अब तक जहां 12 लोगों के शव मिल चुके हैं, वहीं तीन लापता हैं। चौथे दिन रविवार को एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) व एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) के जवान डूबी नाव की खोज करते रहे।

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स्थानीय केवटों ने भी सहयोग की बात कही। उनका दावा है कि वह लोग नाव बरामद कर लेंगे। इधर, मरका में नदी किनारे तमाशबीनों की भीड़ को पुलिस ने हटा दिया। जिनके अपने हादसे का शिकार हुए हैं, वह प्रशासन के पास जरूरी कागजात जमा कराने पहुंचे। एएसपी, एडीएम और सीओ के अलावा पुलिस फोर्स मौजूद रहा। दोपहर बाद जिलाधिकारी अनुराग पटेल भी पहुंच गए।

जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने शनिवार को बताया था कि नाव पर संभावित 32 लोग सवार थे। घटना वाले दिन 17 लोग सकुशल बाहर आ गए थे, जबकि तीन शव बरामद हुए थे।

फतेहपुर में आठ और देर शाम मरका में एक शव मिला था। अब तीन की तलाश हो रही है। हालांकि यह संख्या घट-बढ़ सकती है। हालांकि हादसे के बाद बचे लोगों ने बताया था कि नाव पर क्षमता से ज्यादा करीब 50 लोग सवार थे।

रविवार को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने पानी में कांटा डाला पर दोपहर बाद तक कोई सफलता नहीं मिली। डीएम अनुराग पटेल, एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्रा, एसडीएम बबेरू सुरभि शर्मा, सीओ सत्यप्रकाश के अलावा अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर जमे रहे।

स्टीमर से डीएम पहुंचे घटनास्थल, दिए निर्देश : जिलाधिकारी अनुराग पटेल सेतु निगम से स्टीमर से खुद घटनास्थल तक पहुंचे। वहां तलाश कर रही टीमों से बात की और निर्देश दिए। एसडीएम सुरभि शर्मा और सीओ सत्यप्रकाश बोट से फतेहपुर की ओर नदी के रास्ते से गए।

बोले केवट, हम निकालेंगे नाव : घटना के चौथे दिन भी यमुना में डूबी नाव नहीं मिलने के बाद मरका के केवटों ने जिम्मेदारी संभालने का प्रयास किया। केवट अनोख लाल की पत्नी उजरिया भी अभी लापता हैं। उनके साथ महेश, हादसे का सबब बनी नाव चला रहे बाबू का भाई सुरेश आदि मदद के इरादे से पहुंचे।

अधिकारियों से कहा कि उन लोगों को अनुमति दी जाए, जिससे वह नाव को बाहर निकाल सकें। आशंका है कि नदी में नाव के साथ उस पर सवार लोग भी डूबे होंगे, जिनके उसके नीचे दबे बोने की संभावना है।

अंतिम समय के बोल कान में रहे गूंज : मरका के कुम्हेड़ा गांव निवासी रामसजीवन की पत्नी सीमा का शनिवार को शव बरामद हुआ था। वह अपने साढ़े के बेटे सुनील के साथ कागजात देने पहुंचे थे। सुनील ने बताया कि वह मौसी को लेने के लिए उसपार खड़ा था।

वह फतेहपुर के खागा के कूरा में अपने भाई मैकू को राखी बांधने जा रही थीं। नाव डूबने से कुछ पहले ही फोन पर बात हुई थी, कहा था कि नाव पर बैठी हूं। जल्द पहुंच जाऊंगी। सुनील ने बताया कि मौसी के वह बोल अभी भी कान में गूंज रहे हैं। मजदूरी करने वाले रामसजीवन ने बताया कि बड़ा बेटा अजय दिव्यांग है। दो बेटे और एक बेटी का बुरा हाल हो गया है।  


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