Move to Jagran APP

भाजपा के पूर्व जिला मंत्री समेत तीन की जमानत खारिज

जमानत का तर्क दिया नहीं पहचानते हिस्ट्रीशीटर मनोज को

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 02:19 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 02:19 AM (IST)
भाजपा के पूर्व जिला मंत्री समेत तीन की जमानत खारिज

-जमानत का तर्क दिया, नहीं पहचानते हिस्ट्रीशीटर मनोज को

loksabha election banner

-सेशन में हुई सुनवाई, अभियोजन ने मांगा कल तक का समय

जागरण संवाददाता, कानपुर : भाजपा के पूर्व जिला मंत्री, अधिवक्ता समेत तीन आरोपितों की जमानत अर्जी प्रभारी न्यायालय एसीएमएम तृतीय ने खारिज कर दी। न्यायालय ने आरोपितों के आपराधिक इतिहास और अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत अर्जी निरस्त की है।

हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह को पुलिस की हिरासत से फरार कराने के मामले में सोमवार को कचहरी में दिन भर गहमा गहमी रही। बता दें इस मामले में पुलिस ने भाजपा के जिलामंत्री रहे नारायण सिंह भदौरिया, अधिवक्ता गोपाल शरण सिंह, रॉकी यादव और रणधीर तोमर उर्फ नीशू को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सोमवार को अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के न्यायालय में चारों की ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गई। जमानत के पक्ष में नारायण सिंह की ओर से तर्क दिया गया कि वह अपने जन्मदिवस की पार्टी में शामिल थे। इसी दौरान कुछ लोग सिविल ड्रेस में आयोजन स्थल के बाहर झगड़ा कर रहे थे। उन्होंने बीच बचाव कराया और बाद में वहां से चला। वह न तो हिस्ट्रीशीटर को पहचानता था और न ही किसी के साथ धक्का मुक्की की और न ही मारपीट की। अधिवक्ता गोपाल और रॉकी यादव की ओर से भी ऐसे ही तर्क रखे गए थे। अभियोजन अधिकारी ने आरोपितों का अपराधिक इतिहास दाखिल कर जमानत का विरोध किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने कहा कि अपराध की गंभीरता, अपराध करने की रीति और आरोपित की संलिप्तता को देखते हुए जमानत का आधार पर्याप्त नहीं है। अधिवक्ता जितेंद्र शुक्ला व अनिरुद्ध जायसवाल ने बताया कि उन्होंने रणधीर तोमर की जमानत अर्जी दाखिल की थी। इस पर न्यायालय ने पुलिस से अपराधिक इतिहास तलब किया है। अपराधिक इतिहास आने के बाद सुनवाई होगी।

------

जिला जज के यहां हुई सुनवाई , डीजीसी ने लिया समय

निचली कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद जय नारायण सिंह भदौरिया और अधिवक्ता गोपाल शरण सिंह की जमानत अर्जी जिला जज आरपी सिंह के यहां दाखिल की गई। इस मामले में सुनवाई शुरू हुई तो अधिवक्ताओं को उम्मीद थी कि जमानत मिल जाएगी हालांकि डीजीसी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी ने केस डायरी न होने का हवाला देते हुए समय मांग लिया जिस पर जिला जज ने मंगलवार तक का समय दिया है। रॉकी की ओर से जमानत अर्जी नहीं दाखिल की गई थी।

------

वकीलों ने की बैठक , हुआ हंगामा और नारेबाजी

अधिवक्ता की जमानत को लेकर पदाधिकारियों पर भी काफी दबाव था। जिसके चलते पदाधिकारियों ने बैठक की और जमानत के संबंध में रणनीति बनायी गई हालांकि निचली कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद वकीलों ने जमकर हंगामा किया। नारेबाजी भी हुई। पदाधिकारियों पर काफी दबाव था जिसके चलते एक बार फिर सेशन में अर्जी लगाकर जमानत के लिए कवायद शुरू की गई। यहां भी पदाधिकारियों को निराशा हाथ लगी। उधर, किसी भी अनहोनी की आशंका के चलते कचहरी में भारी पुलिस बल सुबह से ही तैनात कर दिया गया था। कई थानों की फोर्स के साथ दिन भर आलाधिकारी मौके पर डटे रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.