Move to Jagran APP

बबुली कोल गैंग के चंगुल से छूटा व्यापारी, पांच दिन सहन करता रहा ये यतनाएं Chitrakoot News

मानिकपुर के बिजहापुरवा से स्वतंत्रता दिवस पर गिरोह ने अगवा किया था फिरौती लेकर छोडऩे की चर्चा है।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 04:19 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 04:19 PM (IST)
बबुली कोल गैंग के चंगुल से छूटा व्यापारी, पांच दिन सहन करता रहा ये यतनाएं Chitrakoot News

चित्रकूट, जेएनएन। मानिकपुर थाना के बिजहापुरवा कोलान मजरा निही से अपहृत खोया व्यापारी पांचवें दिन बबुली कोल गैंग के चंगुल से छूटकर आ गया है। हालांकि चर्चा फिरौती देकर छूटने की है लेकिन पुलिस और परिजन कांबिंग के दबाव में आकर गिरोह द्वारा छोड़े जाने की बात कह रही है। व्यापारी ने गिरोह द्वारा दी गई यातनाओं और अलग अलग ठिकानों पर रखने की जानकारी दी है। 

loksabha election banner

पांच दिन पहले किया था अपहरण

मानिकपुर थाना के बिजहापुरवा कोलान मजरा निही से छह लाख रुपये के इनामी डकैत बबुली कोल ने स्वतंत्रता दिवस की रात खोया व्यापारी बृज मोहन उर्फ बिज्जू पांडेय पुत्र अवध किशोर को अगवा कर लिया था। पहले दिन पुलिस अपहरण नहीं मान रही थी लेकिन बाद में फिरौती की मांग आने पर सक्रिय हो गई थी। तीसरे दिन शनिवार को अपहृत के भाई भोला प्रसाद पांडेय की तहरीर पर मानिकपुर थाना में डकैत बबुली और उसके साले लवलेश कोल के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया था। वहीं एक एक बिचौलिये के माध्यम से फिरौती पहुंचाने की तैयारी की बात सामने आई थी। बताया जा रहा था कि पकड़ छोडऩे के लिए गैंग ने दस लाख रुपये फिरौती की मांग रखी है। उधर, एसपी के नेतृत्व में पुलिस टीम निही, रानीपुर कल्याणगढ़, चमरौंहा, सकरौंहा और बेधक के जंगल में कांङ्क्षबग कर रही थी।

पांचवें दिन चंगुल से छूटा अपहृत

बबुली कोल गैंग के चंगुल से व्यापारी मंगलवार भोर पहर छूटकर घर पहुंचा। अंधेरी सुबह में वह कैसे घर आया, यह कोई नहीं जान पाया। चर्चा है कि गिरोह पांच लाख रुपये की फिरौती पहुंचाए जाने के बाद उसे छोड़ा गया है। वहीं एसपी मनोज कुमार झा का कहना है कि लगातार कांबिंग व दबाव के कारण गिरोह भागने का रास्ता नहीं मिला और मौका पाकर अपहृत को छोड़कर निकल गया। परिवार द्वारा कोई रकम नहीं दी गई है।

रोजाना 20 से 30 किमी चलवाया पैदल

खोया व्यापारी तड़के तीन बजे गांव पहुंचा, वह इतना दहशत में था कि बोलने में उसकी जुबान लड़खड़ा रही थी। उसने कहा कि अभी भी कानों में डकैतों की आवाजें गूंज रही हैं। डकैत रोजाना उसे 20 से 30 किमी पैदल चलाते थे। रात में बबुली गैंग में छह से आठ डकैत रहते हैं, जबकि दिन में इनकी संख्या 15 से 20 तक पहुंच जाती है। उसके भतीजे ललित पांडेय ने कहा कि पुलिस के दबाव के चलते गैंग दबाव में आ गया था और उन्हें चकमा देकर विज्जू जंगल से भाग आया।

मां बोली, बेटे को मिला दूसरा जन्म

बेटे को सुरक्षित सामने देखकर मां ने कहा कि मेरे लाल का ये दूसरा जन्म हुआ है। विज्जू पाण्डेय की मां 70 वर्षीय दुर्गावती रुंधे गले से कहा कि भगवान जो करता है, बहुत अच्छा करता है। मेरा लाल विज्जू तो सबसे सीधा था, उससे किसी से कोई लेना देना नही था। आखिर किसकी नजर लग गई और किसी के उकसाने से डकैतों ने अगवा किया। दुर्गावती वापस आए बेटे को सीने से लगा रोने लगीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.