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Ayodhya Ram Mandir: चलो चलो अयोध्या धाम, तुम्हें श्रीराम बुलाते हैं.., भजनों से जोश भरती थीं कानपुर की टोलियां

राम मंदिर आंदोलन के समय भजन और गीतों से युवाओं की टोली मोहल्लों में माहौल बनाते थे और लोगों की भीड़ जुट जाती थी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 09:32 AM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 09:32 AM (IST)
Ayodhya Ram Mandir: चलो चलो अयोध्या धाम, तुम्हें श्रीराम बुलाते हैं.., भजनों से जोश भरती थीं कानपुर की टोलियां

कानपुर, जेएनएन। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की घड़ी एकदम नजदीक आ गई है तो इससे प्रसन्न मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे लोगों में उस दौर की यादें ताजा हो उठी हैं। कारसेवा में शामिल रहे शहर के कारसेवक बताते हैं कि प्रभात व संध्या फेरी राम मंदिर आंदोलन के दौरान लोगों के रग-रग में जोश भरती थीं। चलो, चलो अयोध्या धाम तुम्हें श्रीराम बुलाते हैं... जैसे गीतों से युवाओं की टोली गली और मोहल्लों में माहौल बनाती थी।

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युवाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए संघ, विहिप और बजरंग दल के वरिष्ठ पदाधिकारी भी इनमें शामिल होते थे। कानपुर की भजन टोली इतनी मजबूत थी कि उसे अयोध्या में भी कई मौकों पर भजन गाने का मौका मिला था। शिलान्यास से पहले जब तीन दिन उसी स्थान पर डटे रहने के निर्देश मिले तो कानपुर की टोली ने वहां भी पूरे-पूरे दिन भजन गाए। 

प्रभात फेरी से भजनों को जोड़ा

यूं तो केंद्रीय नेतृत्व से फेरियों में श्रीराम जय राम, जय-जय राम मंत्र जाप करने के निर्देश थे, मगर बजरंग दल के पदाधिकारियों ने तमाम फिल्मी गानों को भजनों की लय में बदला। भजनों को भी फेरी से जोड़ा। सुबह छह बजे निकलने वाली फेरियां तो सादगी से निकलती थीं लेकिन संध्या फेरी में ठेले पर लाउडस्पीकर भी लग जाते थे।

टोलियां रात में करीब साढ़े आठ, नौ बजे निकलती थीं। सौगंध राम की खाते हैं, मंदिर वहीं बनाएंगे...। होनी होकर रहती, टाले नहीं टलती..., ऐसे ही तमाम भजन व गीत गाए जा रहे थे। विहिप के प्रांतीय उपाध्यक्ष रहे डॉ. रमेश चंद्र शर्मा के मुताबिक कानपुर मेंं उस समय 48 सत्संग संचालित थे। संस्कार भारती के अवध प्रांत के प्रभारी रमेश मोरोलिया बहुत अच्छे भजन, गीत गाते थे।

भजन सुनने के लिए जुट जाते थे लोग

बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक रहे प्रकाश शर्मा के मुताबिक दीपक शर्मा, राजन बाजपेयी, रवि पोरवाल बहुत लय से भजन गाते थे। भजन सुनने के लिए भीड़ जुट जाती थी। गाने वालों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं थी, इन्हें कई क्षेत्रों में जाना पड़ता था। दीपक शर्मा के मुताबिक हर रोज रात हरवंश मोहाल, भूसाटोली, बिरहाना रोड, नयागंज, घंटाघर, जनरलगंज, कमला टावर, लाठी मोहाल, बादशाही नाका, हटिया, मूलगंज, चौक, परेड क्षेत्र में वह टोली निकालते थे।

टोली का उत्साह बढ़ाने ईश्वरचंद्र गुप्ता, ज्ञानचंद्र अग्रवाल, अशोक तिवारी, महेश दर्पण जैसे वरिष्ठ पदाधिकारी पहुंचते थे। अयोध्या में शिलान्यास से पहले तीन दिन भारी पुलिस बल के बीच एक स्थान पर डटे रहने की चुनौती थी, वहां पूरे-पूरे दिन भजन गाए।


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