निकाह के वक्त बीवी भी ले सकती तलाक का हक, फतवों और इस्लामी किताबों की रोशनी में हो रहा मंथन
गहन विचार विमर्श किया जा रहा है। आल इंडिया सुन्नी उलमा काउंसिल के महासचिव हाजी मोहम्मद सलीस बताते हैं कि जो फतवे आए हैं उनके मुताबिक निकाह के वक्त बीवी चाहे तो शौहर से तलाक का अधिकार ले सकती है।
कानपुर, जेएनएन। दो तलाक पति को तो एक तलाक का हक पत्नी को दिए जाने के मसले पर वे फतवे भी एकत्र किए जा रहे हैं, जिनमें महिला को तलाक का हक होने की बात स्पष्ट की गई है। ये फतवे शहरकाजी मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी के नेतृत्व में एकत्र किए जा रहे। इसके लिए मुफ्तियों व उलमा की किताबों की भी मदद ली जा रही है। हाल ही में बरेली शरीफ व मुबारकपुर से पत्नी को तलाक का हक दिए जाने को लेकर राय मांगी गई है।
बीवी को तलाक का हक शरई में दिया गया है, इस पर गहन विचार विमर्श किया जा रहा है। आल इंडिया सुन्नी उलमा काउंसिल के महासचिव हाजी मोहम्मद सलीस बताते हैं कि जो फतवे आए हैं, उनके मुताबिक निकाह के वक्त बीवी चाहे तो शौहर से तलाक का अधिकार ले सकती है। कई मुफ्तियों के फतवे एकत्र किए गए हैं। कई जगहों से फतवे आने का इंतजार किया जाएगा। सभी फतवे एकत्र होने के बाद उलमा, मुफ्तियों की बैठक कर आगे का कदम उठाया जाएगा। महिलाओं को तलाक का हक देने से यह फायदा होगा कि उत्पीडऩ होने पर वे आसानी से अलग हो सकेंगी, उन्हेंं खुला लेने की जरूरत नहीं होगी।