प्रसपा में शामिल अरुण कुमारी कोरी को अकबरपुर या मिश्रिख से प्रत्याशी बनाने की संभावना
सपा सरकार की पूर्व मंत्री ने कहा अखिलेश से नाराजगी नहीं राजनीति में नेताजी और शिवपाल लाए थे।
कानपुर, जेएनएन। लोकसभा के लिए सियासी महासमर में पूर्व सांसद राकेश सचान के बाद अब अखिलेश सरकार की पूर्व मंत्री रही अरुण कुमारी कोरी ने सपा का दामन छोड़ दिया है। उन्होंने शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का दामन थाम लिया है। चर्चा है कि उन्हें मिश्रिख या अकबरपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। बताते हैं कि उन्होंने सपा से मिश्रिख सीट का टिकट मांगा था, लेकिन यह सीट बसपा के खाते में चली गई।
प्रसपा में शमिल हुई अरुण कुमारी कोरी ने कहा कि वह अखिलेश से बिल्कुल नाराज नहीं हैं। उनको राजनीति में अंगुली पकड़ कर लाने वाले मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव हैं। लोकसभा चुनाव में प्रसपा से उन्हें मिश्रिख सीट पर टिकट दिए जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, उसका पालन करेंगी। बता दें, पूर्व मंत्री को सपा ने सबसे पहले वर्ष 1999 में घाटमपुर लोकसभा चुनाव से मैदान में उतारा था। वह बसपा के प्यारे लाल संखवार से हारकर दूसरे स्थान पर रही थीं।
सपा से वर्ष 2002 में भोगनीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर वह पहली बार विधायक बनीं। वर्ष 2007 में वह भोगनीपुर से चुनाव हार गईं। विधानसभा चुनाव वर्ष 2012 में बिल्हौर से चुनाव लड़ीं और बसपा प्रत्याशी को हराकर दूसरी बार विधायक बनीं। तत्कालीन अखिलेश सरकार की कैबिनेट में भी जगह मिली। वर्ष 2017 में बिल्हौर विधानसभा सीट पर सपा ने शिवकुमार बेरिया को लड़ाया जबकि श्रीमति कोरी रसूलाबाद से चुनाव में उतारा, जहां उन्हें भाजपा से हार मिली।