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यूपीसीडा के निलंबित प्रधान महाप्रबंधक अरुण मिश्रा की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

चकेरी औद्योगिक क्षेत्र के पास लोक निर्माण विभाग ने मान्यवर कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के तहत सड़क का निर्माण कराया था। इस सड़क को अपना बताकर यूपीसीडा के तत्कालीन अधिशासी अभियंता अजीत सिंह सहायक अभियंता नागेंद्र सिंह अवर अभियंता एसके वर्मा ने ठेकेदार को भुगतान कर दिया था

By Akash DwivediEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 05:06 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 05:06 PM (IST)
शाम तक सुनवाई होने की उम्मीद है।

कानपुर, जेएनएन। यूपीसीडा के निलंबित प्रधान महाप्रबंधक अरुण मिश्रा के विरुद्ध हाईकोर्ट में शाम तक सुनवाई होगी। चकेरी- पाली रोड का कागज पर निर्माण करा कर ठेकेदार को भुगतान करने के आरोप में अरुण मिश्रा को निलंबित किया गया है। अरुण को चकेरी पुलिस ने भेजा था। अरुण तभी से जेल में हैं। इसी मामले में यूपीसीडा के निलंबित प्रधान महाप्रबंधक अरुण मिश्रा के खिलाफ हाईकोर्ट में अर्जी दायर की है। शाम तक सुनवाई होने की उम्मीद है।

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बता दें कि चकेरी औद्योगिक क्षेत्र के पास लोक निर्माण विभाग ने मान्यवर कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के तहत सड़क का निर्माण कराया था। इस सड़क को अपना बताकर यूपीसीडा के तत्कालीन अधिशासी अभियंता अजीत सिंह, सहायक अभियंता नागेंद्र सिंह, अवर अभियंता एसके वर्मा ने ठेकेदार को भुगतान कर दिया था। इस मामले में अरुण मिश्रा का नाम चार्जशीट में नाम शामिल किया गया और पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा।

मामले में लखनऊ के भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट ने मिश्रा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था। अरुण ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दी थी। इसकी सुनवाई चल रही है। अरुण मिश्रा फिलहाल गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण से संबंध है। इसके साथ ही अरुण को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की तैयारी भी हो रही है।


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