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सैन्य अभ्यर्थियों से लाखों रुपये लेकर देते थे फर्जी प्रमाणपत्र, फर्रुखाबाद में गिरफ्तार रिक्रूट ने खोले राज

जेल जाने से पहले गिरफ्तार रिक्रूट ने खोले बिचौलियों के राज। सेना भर्ती में युवकों को ठगता गैंग लाखों ऐंठ बनवाते फर्जी अभिलेख। सैन्य भर्ती में दलालों और ठगों की जड़ें बहुत गहरी हैं। पिछले साल नौ नवंबर को ठग गिरोह के छह लोगों को भी जेल भेजा गया था।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Fri, 05 Feb 2021 09:26 PM (IST)Updated: Fri, 05 Feb 2021 10:30 PM (IST)
सैन्य अभ्यर्थियों से लाखों रुपये लेकर देते थे फर्जी प्रमाणपत्र, फर्रुखाबाद में गिरफ्तार रिक्रूट ने खोले राज
जेल जाने से पहले फतेहगढ़ कोतवाली में बैठे हुए आरोपित रवि और गुरमीत।

फर्रुखाबाद, जेएनएन। सिखलाइट इंफैंट्री रेजीमेंटल सेंटर की ओर से पुलिस को सौंपे गए रिक्रूट गुरमीत सिंह निवासी जिला तरनतारन, पंजाब और रवि कुमार निवासी संगरूर, पंजाब शुक्रवार को जेल भेज दिए गए। दोनों ने कई चौंकाने वाले राज खोले। बताया कि कई दलाल तो सेना की वर्दी में होते हैं, जो खुद को वर्तमान या पूर्व सैन्य कर्मी बताते हैं। दलाल फर्जी प्रमाणपत्र उपलब्ध कराते हैं। 

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आठ से दस लाख रुपये लेकर करते थे ठगी 

सैन्य भर्ती में दलालों और ठगों की जड़ें बहुत गहरी हैं। पिछले साल नौ नवंबर को ठग गिरोह के छह लोगों को भी जेल भेजा गया था। विभिन्न राज्यों से भर्ती में आए युवकों को सैन्य अफसर बनकर ठगने वाले गिरोह के लोगों को मिलिट्री इंटेलीजेंस के इनपुट पर स्थानीय एसओजी टीम ने उठाया था।

यह भी पढ़ें: फर्रुखाबाद में सैन्य अफसर बन भर्ती को आए युवकों से ठगी कर रहे छह जेल गए

 इनसे पूछताछ के बाद आगरा के भागेश, हाथरस के अजीत उर्फ लकी व रोहित, दिल्ली के थान ङ्क्षसह, अक्षय कुमार और कोतवाली फतेहगढ़ के मदन ङ्क्षसह राजपूत को पकड़ा गया था। इनसे फर्जी नियुक्ति पत्र, प्रवेश पत्र व अन्य दस्तावेज बरामद हुए। पूछताछ में आरोपितों ने स्वीकार किया था कि वे संगठित गिरोह के तौर पर कई वर्षों से ठगी कर रहे थे। जहां भी सेना भर्ती होती, वहां आए युवकों को ठगते थे। एक युवक से आठ से 10 लाख तक रुपये लेकर फर्जी प्रमाणपत्र दे देते थे। 

पकड़ा जा चुका साल्वर गैंग भी 

राजपूत रेजीमेंट सेंटर में भर्ती के दौरान 28 जुलाई 2019 को पुलिस ने साल्वर गैंग पकड़ा था। सेना में शारीरिक दक्षता परीक्षा पास करने के बाद ये लोग दूसरे अभ्यर्थियों के नाम पर लिखित परीक्षा देने आए थे। सभी आरोपित राजस्थान के थे, जो एक होटल में रुके थे।    

राजस्व कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध

दूसरे जिलों के अभ्यर्थियों को राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से फर्जी मूल निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए। जांच में सामने आया कि मथुरा के दो अभ्यर्थी अपने मुकदमे छिपाकर सेना में भर्ती हो गए। एक ने मध्य प्रदेश के भिंड की जगह फर्रुखाबाद से मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करा लिया। 


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