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लॉकडाउन में मनमानी की सजा अब होगी भुगतनी, 8769 मुकदमों में 14262 अभियुक्त

पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान दर्ज हुए पौने नौ हजार मुकदमों में से 97 फीसद में चार्जशीट लगा दी है। गेंद अब अदालत के पाले में है कि हजारों मुकदमों के निस्तरण व सजा को लेकर अदालत क्या रणनीति तय करती है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 01:54 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 08:21 AM (IST)
लॉकडाउन में मनमानी की सजा अब होगी भुगतनी, 8769 मुकदमों में 14262 अभियुक्त
कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद बंद की गई सड़क। फाइल फोटो

कानपुर, [गौरव दीक्षित]। कोविड-19 के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान नियमों को तोडऩे वाले 14 हजार से अधिक शहरवासियों के लिए यह खबर बेशक चिंता में डालने वाली है। पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान दर्ज हुए पौने नौ हजार मुकदमों में से 97 फीसद में चार्जशीट लगा दी है। गेंद अब अदालत के पाले में है कि हजारों मुकदमों के निस्तरण व सजा को लेकर अदालत क्या रणनीति तय करती है।

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कोरोना महामारी फैलने के बाद सरकार ने 23 मार्च से प्रदेश में लॉकडाउन की घोषणा की थी। विभिन्न चरणों में होता हुआ लॉकडाउन का यह दौर 8 सितंबर तक चला। इस दौरान सरकार ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ ताबड़तोड़ मुकदमे दर्ज कराए। पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रदेश के किसी भी जनपद में दर्ज मुकदमों में कानपुर सबसे आगे रहा।

यहां लॉकडाउन के उल्लंघन में महामारी एक्ट की धारा 188 में 8769 मुकदमे दर्ज हुए, जिसमें से 14262 लोगों को अभियुक्त बनाया गया। पुलिस ने जांच के बाद 8469 मुकदमों में चार्जशीट लगा दी है, जबकि केवल 11 मुकदमे ऐसे हैं, जिसमें फाइनल रिपोर्ट लगी है। 297 मुकदमों की विवेचना अभी शेष है। एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर ने बताया कि चार्जशीट अदालत में पेश की जा रही हैं। अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा चलाकर उन्हें सजा देने का काम अब न्यायालय करेगा।

अदालतों में बढ़ेगा बोझ

कोविड-19 के चलते वैसे ही अदालतों का काम लंबे समय से प्रभावित चल रहा है। ऐसे में एक साथ साढ़े आठ हजार से अधिक मुकदमों के बोझ से अदालतों का कामकाज प्रभावित होगा। देखना यह होगा कि इन मामलों का निस्तारण कैसे होगा।

क्या है आईपीसी 188

महामारी एक्ट 1897 के सेक्शन तीन के मुताबिक अगर कोई एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, सरकार या कानून के निर्देशों व नियमों को तोड़ता है, तो उसे आइपीसी की धारा 188 के तहत दंडित किया जा सकता है। खास बात यह है कि इसमें सरकारी कर्मचारियों पर और कड़ी सजा का प्रावधान है।

क्या मिल सकती है सजा

पहले : अगर आप सरकार या सरकारी अधिकारी द्वारा कानूनी रूप से दिए गए आदेशों का उल्लंघन करते हैं या आपकी किसी हरकत से कानून व्यवस्था में लगे व्यक्ति को नुकसान पहुंचता है, तो कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।

दूसरी : यदि किसी व्यक्ति द्वारा सरकार के आदेश का उल्लंघन करने से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा आदि को खतरा होता है, तो आपको कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।

हाल-ए-मुकदमा

क्षेत्र : अभियोग: अभियुक्त: चार्जशीट: एफआर: शेष

पूर्वी : 1800 : 3253 : 1705 : 4 : 91

पश्चिमी : 3354 : 4984 : 3301 : 3 : 50

दक्षिणी : 2756 : 4524 : 2654 : 2 : 100

ग्रामीण : 862 : 1503 : 804 : 2 : 56

कुल : 8769 : 14262 : 8464 : 11 : 297


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