Anti Sikh Riots Kanpur : दो और आरोपित गिरफ्तार, एसआइटी की जांच में मिले 94 आरोपित में 74 हैं जिंदा
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगे में कानपुर में मारे गए लोगों के परिवारों को इंसाफ की उम्मीद जागी है। तीन साल की जांच पूरी होने के बाद एसआइटी ने आरोपितों की गिरफ्तारी शुरू की है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। 38 साल पहले कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगे की जांच कर रही एसआइटी अब आरोपितों की गिरफ्तारी कर रही है। घाटमपुर से छह और कानपुर से दो आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद बुधवार को दो और आरोपितों को पकड़ा गया है।
एसआइटी की जांच पूरी होने के बाद सिख विरोधी दंगे में कानपुर में मारे गए 127 लोगों को इंसाफ मिलने की उम्मीद एक बार फिर जागी है। तीन साल तक चली एसआइटी की जांच में 14 मुकदमों में साक्ष्य मिले और नौ मुकदमों में चार्जशीट लगना है। वहीं चिह्नित 94 आरोपितों में 74 ही जिंदा मिले हैं, जबकि 20 आरोपितों की मौत हो गई है। अबतक 147 गवाहों के बयान लिये गए हैं।
31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कानपुर में भी सिख विरोधी दंगे में 127 सिखों की हत्या के बाद 40 मुकदमे दर्ज हुए थे। इसमें 29 में फाइनल रिपोर्ट लग गई थी। बीती 27 मई, 2019 को प्रदेश सरकार ने पूर्व डीजीपी अतुल कुमार की अध्यक्षता में एसआइटी का गठन करके जांच शुरू कराई थी।
एसआइटी ने जांच पूरी होने के बाद बीते दिनों सबसे पहली गिरफ्तारी घाटमपुर से की थी, जिसमें सफीउल्ला पुत्र साबिर खां शिवपुरी, योगेंद्र सिंह उर्फ बब्बन बाबा पुत्र सुरेंद्र सिंह निवासी जलाला, विजय नारायण सिंह उर्फ बच्चन सिंह पुत्र शिवनारायणन सिंह निवासी वेंदा और अब्दुल रहमान उर्फ लंबू पुत्र रमजानी निवासी वेंदा को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद दो और आरोपितों को घाटमपुर से गिरफ्तार किया गया था। मामले में कांग्रेस सरकार में राज्य मंत्री रहे शिवनाथ सिंह कुशवाहा के भतीजे राघवेंद्र कुशवाहा का नाम भी आरोपितों की सूची में है। निराला नगर हत्याकांड से जुड़े 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर अब तक जेल भेजा जा चुका है। इस प्रकरण में 27 आरोपियों को चिन्हित किया गया है।
मंगलवार देर रात करीब 2:30 बजे एसआईटी ने राघवेंद्र सिंह से जुड़े लगभग आधा दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की लेकिन वह नहीं मिला। वहीं दूसरी ओर एसआइटी की एक अन्य टीम में शहर में किदवई नगर हत्याकांड से जुड़े दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया किदवई नगर में 1 नवंबर 1984 को आक्रोशित भीड़ ने के ब्लाक स्थित एक मकान में धावा बोलकर शार्दुल सिंह और गुरुदयाल सिंह की हत्या कर दी थी। इस प्रकरण की जांच सब इंस्पेक्टर सूर्य प्रताप सिंह कर रहे हैं। एसआइटी के डीआईजी बालेंदु भूषण ने बताया की देर रात हुई छापेमारी में पुलिस ने के ब्लाक किदवई नगर हत्याकांड के मामले में राजस्थानी शुद्ध गोपाल गुप्ता उर्फ बब्बू गुप्ता और यशोदा नगर निवासी जितेंद्र कुमार तिवारी को गिरफ्तार किया है। बुधवार की दोपहर अदालत में पेश किया जाएगा।
पहले इनकी भी हो चुकी गिरफ्तारी
- जसवंत पुत्र स्वर्गीय रामचन्द्र जाटव निवासी साकेत नगर, बीएसएनएल एक्सचेंज के सामने कंजड़पुरवा थाना किदवई नगर। उम्र करीब 68 वर्ष।
- रमेश चन्द्र दीक्षित पुत्र स्वर्गीय राज किशोर दीक्षित निवासी जूही लाल कालोनी थाना किदवई नगर। उम्र करीब 62 वर्ष
- रविशंकर मिश्रा पुत्र सूर्य कुमार मिश्रा निवासी जूही लाल कालोनी थाना किदवई नगर। उम्र करीब 76 वर्ष।
- भोला पुत्र स्वर्गीय जीवन कश्यप निवासी निराला नगर, थाना किदवई नगर। उम्र करीब 70 वर्ष।
- गंगा बक्श सिंह पुत्र स्वर्गीय लाल सिंह निवासी यू-ब्लाक निराला नगर थाना किदवई नगर। उम्र करीब 60 वर्ष।