एंटी रैगिंग सेल ने डॉक्टरों से मागी सूचना, वार्डन से रिपोर्ट
जीएसवीएम मेडिकल कालेज में रैगिंग और काम के अत्यधिक बोझ की शिकायत के बाद एंटी रैगिंग सेल ने डॉक्टरों से रिपोर्ट मांगी है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : जीएसवीएम मेडिकल कालेज में रैगिंग और काम के अत्यधिक बोझ की शिकायत के बाद कालेज की एंटी रैगिंग सेल सक्रिय हो गई है। विभागाध्यक्ष व जूनियर रेजीडेंट (जेआर) को बुलाकर विभागवार रिपोर्ट मांगी है। साथ ही हास्टल के वार्डेन भी रिपोर्ट तलब की है। अब विभागाध्यक्ष, यूनिट इंचार्ज भी जेआर की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। एंटी रैगिंग सेल ने जेआर का डयूटी चार्ट जांच के लिए मांगा है।
जूनियर रेजीडेंट (जेआर) की शिकायत के बाद से जीएसवीएम मेडिकल कालेज में वरिष्ठ शिक्षक सक्रिय हो गए हैं। उनके बर्ताव में भी अपनापन झलकने लगा है। जेआर को बुलाकर ड्यूटी करने की अवधि पूछी जा रही है। उनके बैच की समस्या जानने का भी प्रयास कर रहे हैं। पहले उनसे इस तरह की बात कोई नहीं करता था। बिना आराम किए तीन-तीन दिन तक काम करते थे। रविवार को भी विभागाध्यक्षों ने पहले और दूसरे साल के जेआर से अलग-अलग रिपोर्ट ली। कुछ जेआर ने तर्क दिया कि हफ्ते में 48 घटे ही उनसे काम ले सकते हैं। च्यादा काम कराने पर आपत्ति जताई जा सकती है।
हास्टल से मांगी रिपोर्ट
एंटी रैगिंग सेल ने पीजी हास्टल के वार्डेन्स से अलग-अलग रिपोर्ट मागी है। रैगिंग व काम के बोझ की शिकायत के बाद जेआर-1 का रूख भी बदला-बदला है। अब पूछने पर ही विभागाध्यक्षों और शिक्षकों से बात करते हैं।
जेआर की काउंसिलिंग शुरू
नेत्र रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरसी गुप्ता डॉ. आरसी गुप्ता का कहना है कि जेआर की लगातार काउंसिलिंग की जा रही है। एंटी रैगिंग सेल को दो दिन में रिपोर्ट दी जाएगी। सभी विभागों में जेआर की काउंसिलिंग शुरू हो गई है। उन्हें कार्य के तौर तरीके बताए जा रहे हैं।
जच्चा-बच्चा में कराए हस्ताक्षर
अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा-बच्चा अस्पताल स्थित स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में सभी जूनियर रेजीडेंट को कागज देकर हस्ताक्षर कराया गया है। उनसे यह लिखाया गया है कि उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं है। न ही उनपर काम का बोझ है।