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पांडु नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए बनाया जाएगा एक और ट्रीटमेंट प्लांट

पनकी से पांडु नदी के बीच पड़ेगी साढ़े तीन सौ किमी सीवर लाइन अभी नालों से जोड़ रखा है सीवर कनेक्शन।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 11:22 PM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 11:52 PM (IST)
पांडु नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए बनाया जाएगा एक और ट्रीटमेंट प्लांट
पांडु नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए बनाया जाएगा एक और ट्रीटमेंट प्लांट

कानपुर, जागरण संवाददाता। पांडु नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए एक और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा। पनकी से पांडु नदी के बीच में पडऩे वाले मोहल्लों में 350 किलोमीटर सीवर लाइन भी डाली जाएगी। गंगा को निर्मल करने के साथ अब पांडु नदी को बचाने की मुहिम में जल निगम जुट गया है। गंगा में गिर रहे नालों को बंद करने के साथ ही पांडु नदी में गिर रहे नालों को भी बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है। नालों से जुड़े सीवर कनेक्शनों को हटाने के साथ सीवर लाइन से मोहल्लों को जोड़ा जाएगा ताकि सीवर का पानी ट्रीट के लिए एसटीपी भेजा जा सके और नाला का प्रयोग बरसात के पानी की निकासी के लिए किया जा सके।

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पांच लाख आबादी को मिलेगी राहत

क्षेत्र में सीवर लाइन न होने के कारण लोगों ने सोखते बना रखे हैं या नाले से सीवर लाइन जोड़ दी है। इसके चलते बरसात में क्षेत्र टापू बन जाता है। सीवर लाइन पडऩे से पांच लाख आबादी को सीवर समस्या और जलभराव से निजात मिलेगी। पनकी, महावीर नगर, मिर्जापुर, न्यू शिवली रोड, मेहरबान सिंह पुरवा, पनका समेत कई इलाकों में सीवर लाइन नहीं है।

जल निगम तैयार करा रहा यह प्रस्ताव

-350 किलोमीटर डाली जाएगी सीवर लाइन

-300 करोड़ रुपये अनुमानित लागत

-30 एमएलडी का बनेगा पनका में एक और एसटीपी

-250 करोड़ रुपये अनुमानित लागत

-अमृत योजना में काम कराने की तैयारी

पांडु नदी को बचाने को लेकर अब तक कवायद

-210 एमएलडी का बिनगवां में प्लांट बना

-150 एमएलडी उत्तर क्षेत्र के सीवर का पानी हो रहा ट्रीट

-30 एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पनका में बन रहा

-12.50 एमएलडी एसटीपी रतनपुर में केडीए ने बनाया

-12.50 एमएलडी एसटीपी शताब्दी नगर में केडीए बना रहा

इनका ये है कहना

अमृत योजना के तहत पनकी क्षेत्र में सीवर लाइन डालने और पनका में एसटीपी बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। चुनाव आचार संहिता के बाद प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।

- घनश्याम द्विवेदी, परियोजना प्रबंधक जल निगम  


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