इम्यूनिटी बढ़ाने को सीएसए बताएगा सुपरफूड के फायदे, कुपोषण की समस्या भी होगी दूर
विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने अनूपपुर गांव स्थित महिला अध्ययन केंद्र से इसकी शुरूआत की है। कुलपति डा. डीआर सिंह ने बताया कि महिलाओं और छोटे बच्चों में कुपोषण की समस्या बहुत ज्यादा है। गर्भवती महिलाओं में पोषण की कमी से उनके होने वाले बच्चे प्रभावित होते हैं।
कानपुर, जेएनएन। काेरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर केे बाद अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए लोगों में जागरुकता बढ़ गई है। योग और पाैष्टिक आहार से विमुख हो रहे लोग एक पाचन तंत्र और इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए नाना प्रकार के तरीके अपना रहे हैं। हालांकेि अब शारीरिक विकास, रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने के साथ ही कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय आमजन को सुपर फूड के फायदे बताएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि विज्ञान केंद्रों के सहयोग से और शहरों में सामाजिक संस्थाओं की मदद से जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। लोगों को पौष्टिक और संतुलित आहार के साथ मोटे अनाज, बाजरा, ज्वार, कोदों, काकुन, रागी के बारे में जानकारी दी जाएगी। विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने अनूपपुर गांव स्थित महिला अध्ययन केंद्र से इसकी शुरूआत की है। कुलपति डा. डीआर सिंह ने बताया कि महिलाओं और छोटे बच्चों में कुपोषण की समस्या बहुत ज्यादा है। गर्भवती महिलाओं में पोषण की कमी से उनके होने वाले बच्चे प्रभावित होते हैं। कानपुर देहात के कुछ गांवों में समस्या ज्यादा है। इसको दूर करने के लिए उन्हें मोटे अनाज के उपयोग के बारे में बताया जा रहा है।
पकौड़ी, बर्फी, लड्डू, चाट के माध्यम से सेवन: महिला अध्ययन केंद्र की इंचार्ज डा. मिथिलेश वर्मा ने बताया की 100 ग्राम रागी में 344 मिलीग्राम कैल्शियम, 3.9 मिलीग्राम आयरन, बाजरे में 11.6 मिलीग्राम प्रोटीन, आठ मिलीग्राम आयरन, 100 ग्राम ज्वार में 10.4 ग्राम प्रोटीन, 66.2 मिलीग्राम कार्बाेहाईड्रेट रहता है। महिलाओं को पकौड़ी, बर्फी, लड्डू, चाट के माध्यम से सेवन की जानकारी दी गई। बाजरे की रोटी, पूड़ी, आलू मिलाकर पकौड़ी, टिक्की, बर्फी बना सकते हैं। मक्के में बेसन मिलाकर लड्डू, पोहा, चाट तैयार किया जा सकता है।