स्टेट ऑफ आर्ट में तब्दील होगा कानपुर का एल्मिको, रोबोटिक उपकरण करेंगे सारा काम
भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम अब राइट्स के सहयोग से मशीनों का उच्चीकरण किया और संस्थान में जल्द ही रोबोटिक उपकरण स्थापित करके मैनुअल तरीके से हो रहे काम बंद कर दिए जाएंगे। मेक इन इंडिया की तर्ज पर उपकरण तैयार करने का निर्णय किया।
कानपुर, जेएनएन। भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) उत्पादन बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है। यहां मैनुअल तरीके से होने वाले कार्य पूरी तरह से मशीनों से होंगे। संस्थान को स्टेट ऑफ आर्ट में तबदील किया जा रहा है। कई तरह के रोबोटिक उपकरण स्थापित किए जाएंगे। इस काम के लिए रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) की मदद ली जा रही है।
दोनों संस्था के बीच कुछ दिन पहले ही करार हुआ है। यह मशीनों और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में सहयोग करेगा। एलिम्को में दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग और कई तरह के उपकरण बनाए जाते हैं। इनमें ट्राईसाइकिल, मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल, व्हील चेयर, बैसाखी, कृत्रिम पैर, कृत्रिम हाथ, कान की मशीन, इलेक्ट्राॅनिक्स छड़ी, मोबाइल आदि शामिल हैं। इसके काफी सारे उपकरण चीन, मलेशिया, ताईवान, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी से आ रहे थे।
इस वर्ष की शुरूआत में संस्थान ने मेक इन इंडिया की तर्ज पर उपकरण तैयार करने का निर्णय किया। उसमें लागत अधिक आ रही है, जबकि कई उपकरणों के सर्किट अन्य देशों से मंगवाए जाते रहे हैं। इस समस्या को देखते हुए एलिम्को के अधिकारियों ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से संस्थान को अपग्रेड कराने के लिए पत्र लिखा, जिस पर हरी झंडी मिल गई।
एलिम्को ने इस काम के लिए राइट्स से करार किया। सीएमडी डीआर सरीन ने बताया कि भवन पहले ही बन चुके हैं, जबकि मशीनें स्थापित की जा रही हैं। सभी मशीनें ऑटोमैटिक होंगी, जिसमें मैनुअली काम कम रहेगा। एक साल में करीब 80 हजार व्हील चेयन बनती हैं, लेकिन नई मशीनों से इसका उत्पादन 1.6 लाख हो जाएगा। अन्य उपकरणों में भी इजाफा होगा। दिव्यांगों की अधिक से अधिक मदद की जा सकेगी।