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तमिलनाडु के दिव्यांग मतदाताओं के लिए एलिम्को बना रहा व्हीलचेयर, चुनाव आयोग ने दिया है ऑर्डर

तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव में दिव्यांग वोटरों के लिए एलिम्को के कानपुर बेंगलुरु फरीदाबाद समेत अन्य सब सेंटरों में बीआइएस के मानक के अनुरूप व्हीलचेयर तैयार कराई जा रहीं हैं। कानपुर मुख्यालय से कुछ स्टॉक भेजा गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 11:48 AM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 01:54 PM (IST)
तमिलनाडु के दिव्यांग मतदाताओं के लिए एलिम्को बना रहा व्हीलचेयर, चुनाव आयोग ने दिया है ऑर्डर
कानपुर एलिम्को से तमिलनाडु भेजी जा रही व्हीलचेयर।

कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में दिव्यांग मतदाताओं की सहूलियत के लिए भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) व्हीलचेयर बनवा रहा है। चुनाव आयोग ने संस्थान को पांच हजार व्हील चेयर बनाने का ऑर्डर दिया है। इसके लिए कानपुर, बेंगलुरु, फरीदाबाद, मोहाली समेत अन्य सब सेंटरों में काम शुरू हो गया है। कानपुर मुख्यालय से दो दिन पहले ही कुछ स्टॉक तमिलनाडु भेजा गया है। मानकों पर गुणवत्ता परखने के बाद ही व्हील चेयर की पैकिंग की जा रही है। इसके लिए कई चरणों में प्रक्रिया पूरी हो रही है।

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पांच हजार व्हीलचेयर का ऑर्डर

तमिलनाडु में छह अप्रैल को विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग पोलिंग बूथों की सुरक्षा के साथ ही मतदाताओं की सुविधाओं का खासा ख्याल रखता है। मतदाताओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, उसके लिए पहले से ही हर जिलों की रिपोर्ट निर्वाचन अधिकारियों से मांगी जाती है। इसमें दिव्यांग मतदाताओं पर विशेषत: ध्यान केंद्रित रहता है। उनकी सुविधा के लिए समाजसेवी संस्थाओं और वालंटियर्स नियुक्त किए जाते हैं। चुनाव आयोग ने दिव्यांगजन को पोलिंग बूथों तक पहुंचने के लिए एलिम्को को व्हील चेयर के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी है। भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम को चुनाव आयोग ने तमिलनाडु के पांच हजार दिव्यांग मतदाताओं के लिए व्हील चेयर तैयार करने का दिया है ऑर्डर। यह ऑर्डर कानपुर, बेंगलुरु, फरीदाबाद समेत अन्य सब सेंटरों में तैयार कराई जा रहीं। यहां दिव्यांगों के लिए स्वदेशी तकनीक से हर तरह के कृत्रिम अंग व उपकरण बनाए जाते हैं।

एक की कीमत करीब 7400 रुपये

यह व्हील चेयर फोल्डेबल हैं। एक की कीमत करीब 7400 रुपये है। ओवरऑल लंबाई 1000-1100 एमएम जबकि चौड़ाई 650-720 एमएम है। बंद करने पर चौड़ाई 300-330 एमएम है। कुल ऊंचाई 910-950 एमएम है।

बीआइएस के मानक के अनुरूप

सीएमडी डीआर सरीन के मुताबिक सभी व्हील चेयर ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के अनुरूप तैयार की जा रही हैं। चुनाव से पहले इन्हें तैयार करने के लिए कानपुर, बेंगलुरु, फरीदाबाद समेत अन्य सब सेंटरों को जिम्मेदारी दी गई है। पूरे मानकों पर जांचने के बाद ही भेजा जा रहा है। उनकी असेंबलिंग और पुर्जों को जोडऩे का काम ऑटोमेटिक तरीके से हो रहा है।

असोम चुनाव के लिए भी भेजी गईं

एलिम्को ने असोम के 27 मार्च को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आठ हजार व्हील चेयर भेजी हैं। चुनाव आयोग की ओर से आठ हजार का ऑर्डर दिया गया था। इसके लिए छह करोड़ का बजट जारी हुआ था।

दिव्यांगजन को सशक्त बना रहा एलिम्को

भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) आत्मनिर्भर होकर दिव्यांगजन को सशक्त बना रहा है। पिछले कुछ वर्षों तक चीन, ताइवान, जर्मनी समेत अन्य देशों की तकनीक पर विकसित हो रहे उपकरण अब मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर अभियान से बनने लगे हैं। इसमें सौ फीसद स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। सबसे खास बात तो करीब पांच साल पहले जर्मनी की जिस कंपनी से कृत्रिम पैर की तकनीक हासिल की गई थी, अब उससे भी आधी कीमत पर यहां कृत्रिम पैर तैयार किए जा रहे हैैं।

एशियाई देशों को उपकरण देने की तैयारी

साल 1972 में कानपुर में बने संस्थान की प्रोडक्शन यूनिट उज्जैन, भुवनेश्वर, जबलपुर, फरीदाबाद, बेंगलुरु, मोहाली में बन चुकी है। मार्केटिंग ऑफिस दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, गुवाहाटी में हैं। सीएमडी डीआर सरीन के मुताबिक मशीनों को पूरी तरह से हाईटेक कर दिया गया है, जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ी है। देश भर में सप्लाई के साथ ही एशियाई देशों को उपकरण देने की योजना है। इसके लिए जल्द एमओयू साइन किया जाएगा।

आइआइटी समेत कई संस्थानों संग करार

एलिम्को ने स्वदेशी विकसित करने के लिए आइआइटी कानपुर, नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज कोऑपरेशन और इंडियन इंस्टीट््यूट ऑफ पैकेजिंग के साथ करार हो चुका है। नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉऑपोरेशन के सहयोग से संस्थान से जुड़कर छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिल सकेगा। इंडियन इंस्टीट््यूट ऑफ पैकेजिंग एलिम्को के उपकरणों की पैकेजिंग की जिम्मेदारी संभाल रही है, जिससे उनको सुरक्षित तरीके से लाभार्थियों तक पहुंचाया जा सके।

200 से अधिक कैंप लगाए जा चुके

एलिम्को देश भर में लाभार्थियों के लिए करीब 200 से अधिक कैंप लगा चुका है। नवंबर 2020 तक के रिकार्ड के मुताबिक 149052 वरिष्ठ नागरिकों को 392591 उपकरण वितरित किए गए। इसके बाद कई कैंप और लग चुके हैं। संस्थान ने ब्लॉक स्तर पर उपकरणों का वितरण शुरू कर दिया है, जिससे लाभार्थियों को किसी तरह की असुविधा न हो।

कोरोना में बंदी के बावजूद हुआ लाभ

संस्थान को 2019-20 में 329 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी, जिसमें 84 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। 2020-21 में कोरोना काल के दौरान 68 दिनों की बंदी के बावजूद 250 करोड़ के कृत्रिम अंगों व उपकरणों की बिक्री हुई है। इसमें करीब 31 करोड़ का लाभ मिला है।

  • सभी व्हीलचेयर ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के अनुरूप तैयार की जा रही हैं। चुनाव से पहले इन्हें तैयार करने के लिए कानपुर, बेंगलुरु, फरीदाबाद समेत अन्य सब सेंटरों को जिम्मेदारी दी गई है। पूरे मानकों पर जांचने के बाद ही भेजा जा रहा है। उनकी असेंबलिंग और पुजरें को जोड़ने का काम ऑटोमेटिक तरीके से हो रहा है। -डीआर सरीन, सीएमडी, एलिम्को

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