कृत्रिम पैर से वर्ल्ड रिकार्ड की सीढ़ी चढ़ेंगे अक्षय, मॉर्क न्यूमैन का रिकॉर्ड तोड़ने की है ख्वाहिश
दिव्यांग साइकिलिस्ट अक्षय का लक्ष्य एक पैर से एक घंटे में अधिक से अधिक दूरी तय करने का रिकॉर्ड तोड़ना है।
कानपुर, जेएनएन। गिनीज बुक, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के बाद दिव्यांग साइकिलिस्ट अक्षय अब एक कदम और आगे बढ़ने की तैयारी कर रहे हैं। वह जल्द ही कृत्रिम पैर के बूते वर्ल्ड रिकॉर्ड की सीढ़ी चढ़ने की ख्वाहिश रखते हैं। इसके लिए वे नियमित 50 से 60 किमी साइकिल चलाकर अभ्यास कर रहे हैं। उनका लक्ष्य एक पैर से घंटे भर में लंबी दूरी की साइकलिंग का रिकॉर्ड तोड़ना है। अभी यह रिकॉर्ड यूनाइटेड किंगडम के मॉर्क न्यूमैन के नाम है, जिन्होंने एक घंटे में 20 किमी साइकिल चलाई थी।
रामादेवी स्थित गांधीग्राम में रहने वाले 25 वर्षीय अक्षय ने अपना दाया पैर वर्ष 2010 में हुई एक रेल दुर्घटना में गंवा दिया था। कृत्रिम पैर के सहारे उन्होंने साइकलिंग की राह चुनी और अपने जुनून और जज्बे की बदौलत देश-विदेश में सफलता का परचम लहराया। हाल ही में अक्षय ने कानपुर से मुंबई तक 1500 किमी की दूरी तय कर रिकॉर्ड बनाया था। इससे पहले वह कम समय में दिल्ली पहुंचने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर चुके हैं। अब उनका लक्ष्य एक पैर से एक घंटे में अधिक से अधिक दूरी तय करने का रिकॉर्ड तोड़ना है। इसके लिए वह प्रतिदिन 50 से 60 किमी अभ्यास करते हैं। उनका दावा है कि वह एक घंटे में 22 से 25 किमी की दूरी तय करने में सक्षम है। अक्षय ने साहसिक कार्य के लिए सरकार द्वारा दिए जाने वाले तेन¨जग नार्गें पुरस्कार के लिए भी आवेदन किया है।
गिनीज बुक में दर्ज है नाम
अक्षय अबतक करीब 23 हजार किलोमीटर का सफर साइकिल से तय कर चुके हैं। गिनीज बुक रिकार्ड, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में उनका नाम दर्ज हैं। गिनीज बुक रिकॉर्ड के लिए 25 अगस्त को कानपुर से साइिकल से सफर शुरू किया था, सात दिन में 450 किलोमीटर तय करना था। इसे चार दिन में पूरा करके रिकार्ड बनाया था। 27 जनवरी को कानपुर से मुंबई के लिए 1500 किमी पांच दिन में साइिकल से पूरा करके इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुके हैं।