दिव्यांगता को मात देकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिलिंग कर रिकॉर्ड बनाने के लिए अक्षय ने बुलंद किए हौसले
32 दिनों में साइकिलिंग कर 4250 किमी का सफर तय करेंगे अक्षय। सेना के पैरा साइक्लिस्ट भी अक्षय के साथ करेंगे साइकिलिंग। अक्षय ने बताया कि सबसे लंबी राइड करने की योजना की तैयारी को लेकर लॉकडाउन के दिनों में जमकर अभ्यास किया।
कानपुर, जेएनएन। साइकिलिंग में शहर का नाम गिनीज बुक, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड, इंडिया बुक और एशिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज कराने वाले दिव्यांग साइकिलिस्ट अक्षय अब कश्मीर ने कन्याकुमारी तक साइकिलिंग कर रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं। वे इसका श्रीगणेश 18 नवंबर को श्रीनगर से करेंगे। 32 दिनों में लगभग 4250 किमी का सफर तय करने की तैयारी कर चुके दिव्यांग अक्षय के साथ सेना के पैरा साइक्लिस्ट भी रहेंगे।
पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को माना आदर्श
रामादेवी स्थित गांधीग्राम में रहने वाले 25 वर्षीय अक्षय सिंह 2010 में रेल दुर्घटना में दायां पैर गंवा चुके हैं। दिव्यांगता को खुद पर मात देने वाले अक्षय ने एवरेस्ट फतह करने वाली पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को आदर्श मानकर साइकिलिंग करना शुरू किया। जुनून व जज्बे के बदौलत वे साइकिलिंग के क्षेत्र में देश के साथ विदेशों में परचम लहराने में कामयाब हुए। अक्षय ने बताया कि सबसे लंबी राइड करने की योजना बहुत पहले से बना ली थी। जिसकी तैयारी को लेकर लॉकडाउन के दिनों में जमकर अभ्यास किया। उन्होंने बताया कि आदित्य मेहता फाउंडेशन के मार्गदर्शन में होने वाली इस राइड में सेना के पैरा साइक्लिस्ट उनके साथ रहेंगे।
अक्षय के नाम दर्ज हैं और भी कई रिकॉर्ड
23 जून को ही अक्षय को इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड की ओर से प्रमाण पत्र भेजकर उनके रिकार्ड को अधिकारिक रूप से दर्ज किया गया। अक्षय ने 31 जनवरी को कानपुर से मुंबई 1500 किमी का सफर 132 घंटों में तय कर यह उपलब्धि हासिल की थी। इससे पहले वे कानपुर से दिल्ली तक 450 किमी की दूरी चार दिनों में पूरी कर गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराया था। वे एशियन पैरा साइकिलिंग में क्वालीफाई भी हो चुके हैं। उनका अगला लक्ष्य एशियन साइकिलिंग में पदक जीतना है।