वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब, शहर पर मंडरा रहा स्मॉग का खतरा
सरकार की प्राथमिकता गंगा में इतना उलझे कि वायु प्रदूषण से मुंह फेरा, प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम आदि का ध्यान सिर्फ गंगा पर।
कानपुर, जागरण स्पेशल। 'जीवनदायिनी' हवा से ज्यादा 'मोक्षदायिनी' गंगा को तवज्जो दी जा रही है। जिला प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम, जल निगम समेत सभी विभाग 'समीर' से मुंह फेर 'भागीरथी' पर नजर रखे हैं। यही कारण है कि शहर की हवा जहरीली होती जा रही है। वायु गुणवत्ता सूचकांक में प्रदूषित गैसों का स्तर चरम पर पहुंच गया है। शहर के ऊपर स्मॉग का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन सरकारी अमले के पास फुर्सत ही नहीं है।
प्रदूषण का स्तर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के नेहरू नगर स्थित मॉनीट¨रग स्टेशन से सुबह नौ बजे जारी रिपोर्ट में हानिकारक गैसों का स्तर बढ़ा हुआ मिला।
पर्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5)- 378
नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (एनओटू)-196
सल्फर डाईऑक्साइड (एसओटू)- 96
कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ)- 164
दो माह पहले जारी हुई थी एडवाइजरी
डीएम ने प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर एडवाइजरी जारी की थी, इसमें विभागों की जिम्मेदारी तय की गई थी।
- कूड़ा जलाने पर पूरी तरह पाबंदी।
- सड़क किनारे पानी का छिड़काव।
- बिल्डिंग मैटेरियल खुले में न ढोएं।
- धुआं उगलते वाहनों पर कार्रवाई।
- अधिक से अधिक पौधरोपण हो।
- ट्रैफिक व्यवस्था सही की जाए।
सेहत पर पड़ रहा प्रभाव
मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल के डॉ. अवधेश कुमार के मुताबिक गले और फेफड़ों में संक्रमण की समस्या बढ़ गई है। लोगों को बुखार के साथ ही खांसी, सांस लेने में दिक्कत हो रही है। सीओपीडी, दमा और टीबी के रोगियों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।
क्यों खराब हो रही हवा
- सड़क किनारे जल रहा कूड़ा
- खटारा वाहन उगल रहे जहरीला धुआं
- धूल और मिट्टी का उड़ रहा गुबार
- खुले में ढोई जा रही भवन निर्माण सामग्री
गंगा की मॉनीट¨रग में लगी टीम
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्टाफ को गंगा और उसकी सहायक नदियों की मॉनीट¨रग में लगाया गया है। सूत्र बताते हैं कि अब तक दिसंबर माह की एयर क्वालिटी रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
यूपीपीसीबी के मुख्य पर्यावरण अधिकारी, कुलदीप मिश्र ने कहा कि एनजीटी के आदेशों पर वायु प्रदूषण और गंगा की मॉनीट¨रग लगातार की जा रही है। कुंभ मेला सिर पर है, ऐसे में गंगा पर ध्यान ज्यादा है लेकिन वायु गुणवत्ता सूचकांक को नजर अंदाज नहीं किया जा रहा है।