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22 साल बाद जयंती योग में जन्माष्टमी, जानिए कब और कैसे बन रहा ये योग Kanpur News

भारतीय ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष केए दुबे पद्मेश के मुताबिक 23 और 24 को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 12:56 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 05:19 PM (IST)
22 साल बाद जयंती योग में जन्माष्टमी, जानिए कब और कैसे बन रहा ये योग Kanpur News
22 साल बाद जयंती योग में जन्माष्टमी, जानिए कब और कैसे बन रहा ये योग Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। 22 साल बाद भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव फिर जयंती योग में होगा। इस बार जन्माष्टमी पर्व 23 व 24 अगस्त को मनाया जाएगा। इसमें 23 को स्मार्त व 24 अगस्त को वैष्णव जन्माष्टमी पूजन करेंगे। इसके लिए मंदिरों और घरों में भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। शहर के इस्कान मंदिर, सनातन धर्म मंदिर समेत प्रमुख मंदिरों में जन्माष्टमी पर्व को लेकर हलचल शुरू हो गई।

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ये होता है जयंती योग

भारतीय ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष केए दुबे पद्मेश के मुताबिक इस बार भगवान श्रीकृष्ण का 5248वां जन्मदिवस मनाया जाएगा। वह बताते हैं कि गर्ग संहिता में भगवान कृष्ण के जन्म के बारे में उल्लेख है कि भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष बुधवार का दिन रोहिणी नक्षत्र, हर्षण योग, अष्टमी तिथि को मध्य रात्रि देवकी के गर्भ से जन्म हुआ। वहीं हरिवंश पुराण क अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म भद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी मध्य रात्रि रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। उस समय गुरु कर्क राशि में सूर्य बुध सिंह राशि में राहु कन्या में शनि शुक्र तुला में मंगल मकर में केतु मीन में तथा वृष राशि का चंद्रमा था। ज्योतिष के एक अन्य प्रमाणिक ग्रंथ रणवीर महाज्योति निर्बन्ध में भी इस तरह की ग्रह स्थिति का उल्लेख है। लेकिन बुध की स्थिति पंचम भाव में है, यह सामान्य अंतर है।

जयंती योग में होगा जन्मोत्सव

ज्योतिषविद केए दुबे पद्मेश के अनुसार 23 अगस्त को सप्तमी प्रात: 8.09 मिनट तक है। इसके बाद अष्टमी लगेगी और प्रात: 8.58 बजे वृष का चंद्रमा है यानि स्मार्त लोगों की अष्टमी होगी। साधारणतया इस व्रत के विषय में दो मत हैं। स्मार्त लोग अर्धरात्रि का स्पर्श होने पर या रोहिणी नक्षत्र का योग होने पर सप्तमी सहित अष्टमी में भी उपवास करते हैं। किंतु वैष्णव लोग सप्तमी का किचिंमात्र स्पर्श होने पर द्वितीय दिवस ही उपवास करते हैं। 24 अगस्त को भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी प्रात: 8.32 मिनट तक है। रोहिणी नक्षत्र रात्रि के 28.16 घंटे तक है और वृष का चंद्रमा संर्पूण दिन है। इस योग के कारण श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इस बार जयंती के रूप में मनाई जाएगी और वैष्णव इस तिथि को ही उनका जन्मोत्सव मनाएंगे।

इस्कॉन मंदिर में औषधियों से होगा राधा माधव का अभिषेक

इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यहां प्रभु का जन्मोत्सव 24 अगस्त को मनाया जाएगा। प्रभु का विभिन्न औषधियों से अभिषेक किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मुख्य आकर्षण विपिन निगम और उनके ग्रुप का नृत्य होगा। डॉ. आदर्श त्रिपाठी की संगीत प्रस्तुति भी मनमोहक होगी। 24 की सुबह 10 से एक बजे तक 15 स्कूल के 135 बच्चे अलग- अलग प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे। राधा माधव के लिए कोलकाता, बेंगलूरू और पुणे से फूल मंगाए जा रहे हैं।


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