समाचार पत्र वितरक को करें एडवांस भुगतान
लॉकडाउन में लोग घरों से निकलने से कतरा रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से डरे हुए हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर : लॉकडाउन में लोग घरों से निकलने से कतरा रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से डरे हुए हैं। ऐसे में समाचार पत्र वितरक आप तक देश दुनिया की खबरें पहुंचाने के लिए सुबह ही आपके घर पर दस्तक दे रहे हैं। सिर्फ अभी ही नहीं जब कड़ाके की ठंड होती है तो भी वे आपके दरवाजे अखबार देने आते हैं। माह के पहले हफ्ते में ही आप अपने समाचार पत्र वितरक (कर्मयोगी) को बिल का भुगतान करते हैं। सुबह अखबार देने के बाद हो सकता है कि समाचार पत्र वितरक आपके दरवाजे भुगतान लेने के लिए न आ सके। इसलिए जरूरी है कि वितरक की मजबूरी का ख्याल रखते हुए आप उन्हें ऑनलाइन भुगतान करें। भुगतान करते समय यह ध्यान रखें कि इस बार उन्हें सिर्फ मार्च माह का ही भुगतान नहीं करना है बल्कि तीन माह का एडवांस बिल भी देना है।
कर्मयोगी पर हमें नाज
रक्षा मंत्रालय के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक दर्शनपुरवा निवासी अशोक कुमार सक्सेना ने कहा कि हमें अपने कर्मयोगी पर नाज है। हम कह सकते हैं कि वे सच्चे समाजसेवक हैं। हर समस्या को झेलते हुए वे हमें अखबार तो देते हैं। हमने उन्हें एडवांस भुगतान कर दिया है।
हमने किया एडवांस भुगतान आप भी करें
आजाद नगर निवासी अधिवक्ता प्रसून दीक्षित का कहना है कि कर्मयोगी नितिन अवस्थी को हमने एडवांस भुगतान किया है। हम चाहेंगे कि सभी उन्हें अग्रिम भुगतान करें ताकि संकट की घड़ी में उनका भी परिवार चल सके। सच्चे कर्मयोगी के लिए यही हमारी मदद होगी।
कर्मयोगी की मदद करना गर्व की बात
काकादेव निवासी दिनेश कठेरिया ने कहा कि कर्मयोगी धर्मेद्र यादव को एडवांस भुगतान कर हमने गर्व महसूस किया है। कोई ऐसा दिन नहीं रहा जब उन्होने समय से अखबार न दिया हो। ऐसे कर्मयोगी को हम समाजसेवक ही कहेंगे। जिस तरह सैनिक सीमा पर मुस्तैदी के साथ कार्य करते हैं ठीक वैसे ही कर्मयोगी भी अपने काम के प्रति गंभीर हैं।