स्वाद के लिए जरूरी है मिर्च और हल्दी पर मिलावटखोर इनके जरिए बिगाड़ रहे सेहत
मिर्च और हल्दी के नमूनों में मिलावट का आंकड़ा 63 और 80 फीसद पाया गया।
कानपुर, जेएनएन। सब्जी में मिर्च हल्दी न हो तो स्वाद बेमानी हो जाता है। ऐसे में हम सब्जी का स्वाद बेहतर करने वाले खाद्य मसालों की गुणवत्ता से भी कोई समझौता नहीं करते, लेकिन कहीं ऐसा न हो कि आपकी सब्जी में प्रयोग की गई मिर्च और हल्दी आपकी सेहत ही बिगाड़ दे। दरअसल हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बीते दो वर्षों में खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा लिए गए मिर्च और हल्दी के नमूनों में मिलावट का आंकड़ा क्रमश: 63 और 80 फीसद पाया गया। इसे लेकर जहां खाद्य विभाग खाद्य मसालों के प्रति सख्ती कर रहा है वहीं आपको भी सचेत हो जाना चाहिए।
वर्ष 2018-19 के आंकड़े
43 नमूने लिए गए
10 अधोमानक पाए गए
07 मिथ्याछाप
18 असुरक्षित
04 नियमों का उल्लंघन
वर्ष 2019-20 के आंकड़े
34 नमूने लिए गए
16 रिपोर्ट आयीं
02 अधोमानक
02 मिथ्याछाप
04 असुरक्षित
02 नियमों का उल्लंघन
इस वित्तीय वर्ष में लिए गए नमूने और कार्रवाई
6298 निरीक्षण किए
540 छापे मारे
612 नमूने भरे
178 अधोमानक आए
21 अनसेफ मिले
367 मामले एडीएम कोर्ट भेजे गए
134 निस्तारित हुए
45.65 लाख रुपये जुर्माना हुआ
90 मामले न्यायालय भेजे गए
10 निस्तारित हुए
11.20 लाख रुपये जुर्माना हुआ
रंग के लिए होती डाई की मिलावट
मिर्च को और लाल करने के लिए इसमे डाई की मिलावट की जाती है। अधिकारी बताते हैं कि हल्दी मं लेड क्रोमेट की मिलावट की जाती है। यह दोनों ही कैंसर के जनक हैं।
दूध व खोवा में मिलावट ज्यादा घातक नहीं
दूध में मिलावट सामान्य सी बात है। खाद्य विभाग भी बहुतायत में दूध और खोवा के नमूने भरता है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दूध और खोवा में मिलावट सेहत के लिए घातक साबित नहीं होती क्योंकि असुरक्षित का आंकड़ा न के बराबर है।