अटल की याद में अटलमय होगा कानपुर, यादों को जिंदा रखने के लिए उठाए ये कदम
पूर्व प्रधानमंत्री ने कानपुर में डीएवी कॉलेज से पढ़ाई की और काव्य लेखन भी यहीं से शुरू किया।
कानपुर, जेएनएन। भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन कानपुर उनके साथ रिश्तों को हमेशा-हमेशा के लिए जिंदा रखने का कदम उठा चुका है। शहर के डीएवी कॉलेज के सेंटर फॉर एक्सीलेंस सहित उनके नाम पर सात निशानियां होंगी, जो आने वाली पीढिय़ों को कानपुर से वाजपेयी के अटल रिश्तों की गवाही देंगी।
मूल रूप से बटेश्वर निवासी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म तो मप्र के ग्वालियर में हुआ था, लेकिन जीवन के कई वर्ष उन्होंने कानपुर में बिताए। यहां डीएवी कॉलेज से पढ़ाई की। कभी सरसैया घाट तो कभी हटिया बाजार में बैठकी करते थे। काव्य लेखन भी उन्होंने यहीं से शुरू किया। उनके राजनीतिक जीवन का अहम पड़ाव भी यह शहर रहा। 16 अगस्त 2018 को उनके निधन के बाद अटल जी से कानपुर की यादों को संजोने के लिए तमाम निर्णय तभी ले लिए गए थे, जो उनका जन्मदिन आते-आते हकीकत की जमीं पर उतरने की ओर हैं।
डीएवी कॉलेज में बन रहा सेंटर फॉर एक्सीलेंस
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने डीएवी कॉलेज से 1945 से 1947 तक के सत्रों में राजनीति शास्त्र से एमए किया। फिर 1948 में लॉ की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया। इसमें उनके पिता कृष्णबिहारी लाल वाजपेयी भी सहपाठी थे। इस जुड़ाव को देखते हुए ही सरकार ने डीएवी कॉलेज में सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनाने का निर्णय लिया, इसके लिए पांच करोड़ रुपये मंजूर भी हो चुके हैं।
नगर निगम में पास हो चुके हैं यह प्रस्ताव
-बड़ा चौराहा का नाम अटल चौक।
-अटल घाट के नाम से जाना जाएगा गंगा बैराज का निर्माणाधीन घाट।
-वीआइपी रोड का नाम अब अटल मार्ग।
-जूही पुल का नामकरण अटल सेतु।
-तुलसी उपवन में भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा होगी स्थापित।
-ग्राम शेखपुर में बनेगा अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति वन।
-केडीए सभागार का नाम हो चुका अटल बिहारी वाजपेयी सभागार।