फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आई नई व्यवस्था, Kanpur के अब हर कारोबारी को आधार से जोड़ना होगा GST पंजीयन
जीएसटी में कई कारोबारी फर्जी कागजातों लगाकर पंजीयन करा लेते हैैं फिर आइटीसी को गलत तरीके से समायोजित कर राजस्व को नुकसान करते हैं। जिसके चलते कारोबारी के आधार को पंजीयन के दौरान लिंक करने की व्यवस्था की गई।
कानपुर, जेएनएन। जीएसटी में पंजीयन कराने वाले कारोबारियों और उद्यमियों की ज्यादा से ज्यादा सही पहचान के लिए अब आधार को पंजीयन से लिंक करना शुरू कर दिया गया है। हालांकि जीएसटी ने अभी इसका कोई अंतिम समय तय नहीं किया है कारोबारियों को जल्द से जल्द आधार लिंक करने की सलाह जरूर दी गई है। इसके लिए कारोबारियों को अपना केवाईसी अपडेट करना होगा। जनवरी की शुरुआत से कारोबारी जैसे ही जीएसटी पोर्टल पर जा रहे हैं, उनकी स्क्रीन पर एक मैसेज आ रहा है। इस पर वह आधार लिंक के बारे में पूछ रहा है। हालांकि कारोबारियों को यह सुविधा भी दी जा रही है कि वह तुरंत आधार को लिंक करना चाहते हैं या बाद में किसी समय। अगर कारोबारी तुरंत लिंक करने को क्लिक करेगा तो उसे उसी समय आधार को पंजीयन के साथ लिंक करना होगा।
जीएसटी में पिछले साढ़े तीन वर्ष में ज्यादातर कारोबारियों ने पंजीयन कराने में आधार को नहीं लगाया है। जीएसटी में कारोबारी फर्जी कागजातों के जरिए अपना पंजीयन करा लेते हैं और उसके बाद आइटीसी को गलत तरीके से समायोजित कर राजस्व को नुकसान करते हैं। इसे देखते हुए ही जीएसटी कारोबारी के बारे में ज्यादा वास्तविक जानकारी हासिल करना चाहता है ताकि फर्जी कारोबारी आसानी से पकड़ में आ सकें।
चार्टर्ड अकाउंटेंट शिवम ओमर के मुताबिक जो नए कारोबारी जीएसटी में अपना पंजीयन कराने जा रहे हैं वे अगर आधार से अपना पंजीयन करेंगे तो उन्हेंं सात दिन में पंजीयन नंबर मिल जाएगा लेकिन अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो उनका पंजीयन कारोबारी स्थल का भौतिक सत्यापन करने के बाद ही जारी होगा। इसकी वजह से उन्हेंं इंतजार करना पड़ सकता है।