शहर में आते ही जाम में फंस गए एडीजी
सब हेड --- -जाजमऊ पुल के बीचो-बीच खराब खड़ी बस व ई रिक्शा देख नाराज हुए नवागत एडीजी जय नारायण सिंह -बोले क्राइम कंट्रोल के साथ-साथ यातायात प्रबंधन भी रहेगा प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल
जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर के बदहाल ट्रैफिक का नजारा नवागत एडीजी जय नारायण सिंह को शहर में घुसते ही दिखाई पड़ गया। जाजमऊ गंगापुल पर प्रवेश करते ही वह भीषण जाम में फंस गए। जाम इसलिए लगा था क्योंकि पुल के बीचों-बीच एक बस और एक ई रिक्शा खराब खड़ा था। एडीजी ने खराब यातायात व्यवस्था पर एसपी ट्रैफिक को वहीं से फोन लगाकर नाराजगी जाहिर की।
नवागत एडीजी जय नारायण सिंह ने शुक्रवार को कार्यभार संभाल लिया। सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने माना कि शहर में क्राइम कंट्रोल के अलावा ट्रैफिक कंट्रोल भी एक बड़ी चुनौती है। वह जब भी निजी कार्य से कानपुर आए, तो यहां के जाम से बच नहीं सके। सुबह भी जाजमऊ पुल पर जाम में फंसे। एक बस व एक रिक्शा खराब स्थिति में बीचों-बीच खड़े थे। इससे न केवल जाम लग रहा था, बल्कि रात के समय कोई हादसा भी हो सकता है। नेशनल हाईवे पर इस तरह खराब वाहनों को तत्काल हटाया जाना चाहिए। यह एनएच व यातायात पुलिस के खराब प्रबंधन को दर्शाता है। योजनाबद्ध तरीके से शहर के यातायात संचालन को और बेहतर किया जाएगा।
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थ्री सी में जोड़े दो और सी
कार्यभार ग्रहण करने के बाद एडीजी ने अपनी प्राथमिकताओं में दो सी और जोड़ लिया। उन्होंने बताया कि कम्युनिटी पुलिसिंग, क्राइम कंट्रोल और करप्शन फ्री पुलिसिंग उनकी मुख्य प्राथमिकताएं हैं। लेकिन कानपुर में वह दो और सी पर काम करेंगे। कास्ट हार्मोनी (जातीय सामंजस्य) व कंप्लेन (शिकायत) पर भी वह नजर रखेंगे।
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एनकाउंटर स्पेशलिस्ट है एडीजी
एडीजी जयनारायण सिंह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी हैं। अपने सेवाकाल के दौरान उन्होंने अब तक 85 से अधिक अपराधियों का सफाया किया है। मुख्य रूप से उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बने राकेश हसनपुरिया गिरोह का सफाया किया। मेरठ में जेल तोड़कर भागने वाले आठ कुख्यात अपराधियों को भी उनके ही नेतृत्व में एनकाउंटर में मार गिराया गया था।