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CSJMU : आदेश को मिलेगा कुलाधिपति स्वर्ण पदक, कृति बनीं सर्वश्रेष्ठ छात्रा Kanpur News

डीएवी के छात्र आदेश को ही मिलेगा कुलाधिपति रजत पदक साक्षात्कार के बाद हुआ चयन दीक्षा समारोह में दिए जाएंगे पदक।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 11:09 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 09:04 AM (IST)
CSJMU : आदेश को मिलेगा कुलाधिपति स्वर्ण पदक, कृति बनीं सर्वश्रेष्ठ छात्रा Kanpur News
CSJMU : आदेश को मिलेगा कुलाधिपति स्वर्ण पदक, कृति बनीं सर्वश्रेष्ठ छात्रा Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के 34वें दीक्षा समारोह में डीएवी कॉलेज के एमए ड्राइंग एंड पेटिंग के छात्र आदेश कुमार को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से नवाजा जाएगा। यह पदक विवि के समस्त संकायों में सर्वश्रेष्ठ छात्र को दिया जाता है। आदेश को कुलाधिपति रजत पदक भी मिलेगा। वहीं विवि की सïर्वश्रेष्ठ छात्रा के रूप में एमए संगीत (विवि) की छात्रा कृति गुप्ता का चयन हुआ है।

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आदेश को जहां 1000 में से 863 अंक मिले, वहीं कृति को 832 नंबर मिले। विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अनिल यादव ने बताया कि दीक्षा समारोह के इन पदकों के लिए सोमवार को छात्र-छात्राओं का साक्षात्कार कराया गया। जिसके बाद दोनों का चयन हुआ। उन्होंने बताया, विवि की वेबसाइट पर पदकों की अंतिम सूची को अपलोड कर दिया गया है।

प्रोफेसर बन सिखाएंगे कला की बारीकियां

कुलाधिपति स्वर्ण पदक के लिए चयनित हुए आदेश का कहना है वह नेट और जेआरएफ की परीक्षा पास कर चुके हैं। अब कला से पीएचडी करने के बाद छात्र-छात्राओं को कला की बारीकियां सिखाएंगे। मूलरूप से लखीमपुर के धोबहा निवासी और 2014 से परमट में रह रहे आदेश ने बीए की परीक्षा में 76.11 फीसद अंक हासिल कर कुलाधिपति कांस्य पदक हासिल किया था। आदेश ने कहा कि कला में निपुण होने के लिए जरूरी है कि थ्योरी व प्रैक्टिकल दोनों में आपका प्रदर्शन बेहतर रहे। आदेश के पिता ओमप्रकाश खेती करते हैं, जबकि माता फुलझारा देवी गृहणी हैं।

कंप्यूटर साइंस से बीटेक, फिर चुनी संगीत की राह

कहा जाता है संगीत का जादू भी अनोखा होता है। जो संगीत से जुड़ गया, संगीत उससे जुड़ जाता है। जूही बारादेवी निवासी कृति गुप्ता के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। 2015 में कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने के बाद अपने बचपन के शौक (संगीत) से कृति जुड़ गईं। विवि से एमए संगीत कर चुकीं कृति कहती हैं कि अब उन्हें नेट और पीएचडी की पढ़ाई पूरी करनी है। इसके बाद शास्त्रीय संगीत को आगे बढ़ाना है। कृति ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरु पं. विनोद द्विवेदी को दिया। कृति के पिता दिनेश प्रकाश गुप्ता राजस्व परिषद से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं, जबकि माता नविता गुप्ता गृहणी हैं।


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