कारोबार में नहीं पड़ेगी अकाउंटेंट की जरूरत, रोबोट संभालेंगे बही-खाता
आइसीएआइ कर रहा इस पर शोध 2025 में इसके शुरू होने की उम्मीद पहली इंट्री होते ही आगे की सारी फीडिंग खुद ब खुद होती जाएगी।
By AbhishekEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 10:54 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 02:27 PM (IST)
कानपुर [राजीव सक्सेना]। दुनिया तेजी से बदल रही है। खासतौर पर तकनीक और कारोबार जगत में लगातार बदलाव हो रहे हैं। जीएसटी आने के बाद सब कुछ ऑनलाइन हो गया है। अब इसी राह पर बढ़ते हुए अकाउंटिंग के लिए रोबोट बनाने की तैयारी हो रही है। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) इस पर शोध कर रहा है। उम्मीद है कि पांच-छह वर्ष में रोबोटिक अकाउंटिंग शुरू हो जाएगी। इसमें पहली इंट्री होते ही आगे की सारी फीडिंग खुद हो जाएगी। अकाउंट का 90 से 95 फीसद कार्य रोबोट कर देंगे।
ये रोबोट वास्तव में एक सिस्टम होंगे जो बिना किसी प्रयास तय तिथि पर प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट, बैलेंस शीट तक बना देंगे। क्लाउड साॉफ्टवेयर पर अकाउंटेंसी शुरू हो चुकी है। इसमें एक तरफ कारोबारी खरीद-बिक्री के साथ बिलिंग करता रहता है। दूसरी ओर चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) क्लाउड से उनके बिल लेकर काम करते रहते हैं। जब तक जरूरत नहीं होती सीए कारोबारी को नहीं बुलाते। अब आइसीएआइ ने रोबोटिक अकाउंटिंग पर कार्य शुरू किया है।
डिजिटल ट्रांसफार्मेशन एंड प्रासेस रीइंजीनियरिंग की टीम इस पर शोध कर रही है। संस्था के पूर्व अध्यक्ष नीलेश विकमसे के समय काम शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि 2025 तक इस पर अकाउंटिंग शुरू हो जाएगी। तब कारोबारी को सिर्फ अपनी खरीद-फरोख्त की बिलिंग करते जाना होगा। शुरुआती दौर पर जैसे ही बिल काटा जाएगा, आगे के कार्य सिस्टम में फीड मेमोरी खुद करती चली जाएगी। उस डाटा की जहां-जहां जरूरत होगी, सिस्टम भेज देगा।
विशेषज्ञ का ये है कहना
समय के साथ चार्टर्ड अकाउंटेंट के कार्य का स्वरूप भी बदलता रहता है। रोबोटिक अकाउंटिंग पर शोध चल रहा है। पांच-छह वर्ष में यह पूरा हो जाएगा। अभी कहीं भी यह सिस्टम नहीं है।
-मनु अग्र्रवाल, चेयरमैन, आइसीएआइ की डिजिटल ट्रांसफार्मेशन एंड प्रासेस रीइंजीनियरिंग कमेटी
ये रोबोट वास्तव में एक सिस्टम होंगे जो बिना किसी प्रयास तय तिथि पर प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट, बैलेंस शीट तक बना देंगे। क्लाउड साॉफ्टवेयर पर अकाउंटेंसी शुरू हो चुकी है। इसमें एक तरफ कारोबारी खरीद-बिक्री के साथ बिलिंग करता रहता है। दूसरी ओर चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) क्लाउड से उनके बिल लेकर काम करते रहते हैं। जब तक जरूरत नहीं होती सीए कारोबारी को नहीं बुलाते। अब आइसीएआइ ने रोबोटिक अकाउंटिंग पर कार्य शुरू किया है।
डिजिटल ट्रांसफार्मेशन एंड प्रासेस रीइंजीनियरिंग की टीम इस पर शोध कर रही है। संस्था के पूर्व अध्यक्ष नीलेश विकमसे के समय काम शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि 2025 तक इस पर अकाउंटिंग शुरू हो जाएगी। तब कारोबारी को सिर्फ अपनी खरीद-फरोख्त की बिलिंग करते जाना होगा। शुरुआती दौर पर जैसे ही बिल काटा जाएगा, आगे के कार्य सिस्टम में फीड मेमोरी खुद करती चली जाएगी। उस डाटा की जहां-जहां जरूरत होगी, सिस्टम भेज देगा।
विशेषज्ञ का ये है कहना
समय के साथ चार्टर्ड अकाउंटेंट के कार्य का स्वरूप भी बदलता रहता है। रोबोटिक अकाउंटिंग पर शोध चल रहा है। पांच-छह वर्ष में यह पूरा हो जाएगा। अभी कहीं भी यह सिस्टम नहीं है।
-मनु अग्र्रवाल, चेयरमैन, आइसीएआइ की डिजिटल ट्रांसफार्मेशन एंड प्रासेस रीइंजीनियरिंग कमेटी
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