नेता, विजन और तकनीक हो तो गंदगी से भी कमाई
गंगा स्वच्छता से जुड़ी योजनाओं के लिए भरपूर बजट का वादा करने के साथ ही केंद्रीय भूतल परिवहन, नदी संरक्षण एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने आय के स्त्रोत बढ़ाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने नागपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि सही नेता, विजन और तकनीक हो तो गंदगी भी आय का जरिया बन सकती है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : गंगा स्वच्छता से जुड़ी योजनाओं के लिए भरपूर बजट का वादा करने के साथ ही केंद्रीय भूतल परिवहन, नदी संरक्षण एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने आय के स्त्रोत बढ़ाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने नागपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि सही नेता, विजन और तकनीक हो तो गंदगी भी आय का जरिया बन सकती है। कानपुर में कूड़े-कचरे से बायो-सीएनजी उत्पादन का प्लांट सरकार लगाने जा रही है।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में जीर्णोद्धार किए गए लोकार्पण समारोह में उन्होंने बताया कि हमने अपने संसदीय क्षेत्र नागपुर में सीवेज का गंदा भी बेच दिया। उससे 78 करोड़ रुपये सालाना आय होती है। यहां भी ऐसा हो सकता है। अब जो बायो-सीएनजी प्लांट लगने जा रहा है, उससे गंदगी की समस्या का समाधान होगा और ईधन भी मिलेगा। यहां की गंदगी पर चुटकी लेते हुए बोले कि कानपुर में तो इतनी गंदगी है कि पांच हजार बसें उसकी बायो-सीएनजी से चला सकते हैं। ऑटो-रिक्शा चलेंगे। बस और रिक्शे वालों की आय भी बढ़ जाएगी।
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गडकरी आधुनिक भारत के भगीरथ
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तारीफों के पुल केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने बांधे। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि गंगा की स्थिति भी कुंभ तक बेहतर हो जाएगी। नितिन गडकरी आधुनिक भारत के भगीरथ हैं। कानपुर से इलाहाबाद तक गंगा सर्वाधिक प्रदूषित हैं। संकल्प लें कि आप यहां गंगा को मैली नहीं होने देंगे।
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कोई नाला प्रदूषित नहीं करेगा गंगा
प्रदेश के नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हमारी सरकार स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने को लगातार प्रयास कर रही है। हम उस दिशा में आगे भी बढ़े हैं। बिजनौर से मुगलसराय तक 32 परियोजनाएं एसटीपी की स्वीकृत हुई थीं, जिनमें से आठ पूरी हो गई। 10 प्रगति में हैं और 14 की टेंडर प्रक्रिया चल रही है। जो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में कवर नहीं होते, ऐसे 92 नाले चिह्नित किए गए हैं। उन्हें दूसरी तकनीक से शोधित किया जाएगा, लेकिन गंगा को कोई नाला अब प्रदूषित नहीं करेगा।
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गंगा के आर्सेनिक के लिए भी कुछ कीजिए गडकरी जी : डॉ. जोशी
सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि गंगा धार्मिक-आध्यात्मिक ही नहीं, हजारों साल पुरानी सभ्यता की साक्षी हैं। यह आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि गंगा में कानपुर से बंगाल तक भारी मात्रा में आर्सेनिक है। इसकी खोज आइआइटी कानपुर ने ही की थी। यह बहुत हानिकारक है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री को सलाह दी कि गंगा और यमुना के बाद चंबल नदी के संरक्षण का कार्य भी शुरू करें।
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यह भी रहे मंचासीन
एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सत्यदेव पचौरी, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, सांसद देवेंद्र सिंह भोले, महापौर प्रमिला पांडेय, एलएलसी डॉ. अरुण पाठक, विधायक महेश त्रिवेदी, नीलिमा कटियार, अभिजीत सांगा, भगवती प्रसाद सागर, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, उत्तर जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी, ग्रामीण जिलाध्यक्ष सुशील कटियार, जिला प्रभारी बाबूराम निषाद, महानिदेशक राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन राजीव रंजन मिश्रा, सचिव नगर विकास भारत सरकार यूपी सिंह और सचिव नगर विकास उप्र मनोज कुमार सिंह भी मंचासीन थे।