फर्जीवाड़ा करके छात्रवृत्ति पाने के चक्कर में फंस गए 26 छात्र-छात्राएं और उनके संस्थान
अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं ने सामान्य वर्ग में गलत तरीके से किया आनलाइन आवेदन भौतिक सत्यापन में खुली पोल।
कानपुर [जितेंद्र शर्मा]। प्रदेश के बाहर के शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को सरकार छात्रवृत्ति दे रही है। 2018-19 के सत्र में लिंक सिर्फ अनुसूचित जाति-जनजाति (एसी-एसटी) और सामान्य वर्ग के लिए खुला था। मगर, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्र-छात्राओं ने सामान्य वर्ग में ऑनलाइन आवेदन कर गलत तरीके से छात्रवृत्ति हासिल करने का प्रयास किया। अब इस मामले में 26 छात्र-छात्राएं और उनके संस्थान फंस गए हैं, जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।
उप्र के मूल निवासी जो छात्र-छात्राएं प्रदेश के बाहर के शिक्षण संस्थानों में दशमोत्तर कक्षाओं में पढ़ रहे हैं, उन्हें सरकार छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति देती है। पहले इस योजना का लाभ सभी वर्गों के छात्र-छात्राओं को मिलता था। 2017-18 में ऑनलाइन आवेदन में यह मौका केवल अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों को दिया गया था। 2018-19 में एससी-एसटी के साथ इसे सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों लिए भी खोल दिया गया। मगर, प्रदेश के बाहर के विभिन्न संस्थाओं के 26 ओबीसी छात्र-छात्राओं ने तथ्य छिपाते हुए सामान्य श्रेणी में आवेदन कर दिया। संस्थानों ने भी आवेदन समाज कल्याण विभाग को अग्रसारित कर दिए।
यहां विभाग ने छात्र-छात्राओं के घर विभागीय कर्मियों को भेजकर भौतिक सत्यापन कराया तो पोल खुल गई। अब इन सभी संस्थानों को पत्र लिखा गया है कि छात्र-छात्राओं ने संबंधित नोडल अधिकारियों के साथ मिलकर गलत तरीके से छात्रवृत्ति प्राप्त करने का प्रयास किया है। इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएं, नहीं तो माना जाएगा कि संस्थान की भी मिलीभगत है।
इन संस्थानों के हैं छात्र
सीआइपीईटी इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक टेक्नोलॉजी अहमदाबाद, आंबेडकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जालंधर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कुरुक्षेत्र, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पटना, संत लॉगोवाल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियङ्क्षरग पंजाब, हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश, अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी संस्थान ग्वालियर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी हिमाचल प्रदेश, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी श्रीनगर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी कोलकाता, गुरुकुल कांगड़ी विवि हरिद्वार, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर, गुरुनानक देव इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज लुधियाना।
इनका ये है कहना
ओबीसी छात्र-छात्राओं ने गलत तरीके से छात्रवृत्ति प्राप्त करने का प्रयास किया। यह अपराध है। भौतिक जांच में इसका खुलासा हुआ। सभी के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा गया है।
-अमरजीत सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी