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Chandrashekhar Azad Birth Anniversary: ननिहाल बदरका में तो सात जनवरी को मनती है आजाद की जयंती

Chandrashekhar Azad Birth Anniversary मां जगरानी के अंतिम समय तक यहीं रहने व उन्हीं के आह्वान पर सात जनवरी को ही जन्म दिन मनाने का तथ्य प्रकाश में आया। साल 2006 में उत्तर प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी कर आजाद की जन्मस्थली बदरका को माना

By Akash DwivediEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 12:05 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 01:04 PM (IST)
Chandrashekhar Azad Birth Anniversary: ननिहाल बदरका में तो सात जनवरी को मनती है आजाद की जयंती
अचलगंज के बदरका में स्थापित अमर शहीद चंद्र शेखर आजादी की माता जगरानी की प्रतिमा। जागरण

अनिल अवस्थी, (उन्नाव) Chandrashekhar Azad Birth Anniversary :  शहीद चंद्रशेखर आजाद के ननिहाल बदरका में लोग सात जनवरी को उनकी जयंती मनाते हैं। हालांकि इतिहासकार इसे नहीं मानते हैं और वह 23 जुलाई को झबुआ मध्य प्रदेश में उनका जन्म होना प्रामाणिक बताते हैैं। आजाद के जन्म दिवस को लेकर कई बार केंद्र और प्रदेश सरकार ने सर्वे भी कराया। बदरका गांव के लोग ऐतिहासिक प्रमाणों को दरकिनार कर कहते हैं कि आजाद की शहादत के बाद वर्ष 1938 से यहां सात जनवरी को ही जयंती मनाई जाती है। स्थानीय निवासी व बुजुर्ग शारदा प्रसाद ने बताया कि पिता और बाबा से जो सुना है, उसके अनुसार आजाद जयंती समारोह की नींव उनकी मां जगरानी के जीवनकाल में ही पड़ी थी।

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संसद में उठा था मामला, शासनादेश में माना बदरका को जन्मस्थली : आजाद स्मारक ट्रस्ट समिति से जुड़े राजन शुक्ल ने उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर बताया कि चंद्रशेखर आजाद जयंती शताब्दी वर्ष 2006 में सांसद मल्लिकार्जुन ने संसद में आजाद जन्मस्थली के विवाद पर प्रश्न उठाया था। इस पर केंद्र सरकार ने हाईपावर कमेटी गठित की थी। उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में दस्तावेज खंगाले गए। उस वक्त आजाद की जन्मकुंडली, जो बदरका में थी, वह भी यहां से गई थी। जांच कमेटी बदरका व भांवरा भी गई थी, जिसमें मां जगरानी के अंतिम समय तक यहीं रहने व उन्हीं के आह्वान पर सात जनवरी को ही जन्म दिन मनाने का तथ्य प्रकाश में आया। साल 2006 में उत्तर प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी कर आजाद की जन्मस्थली बदरका को माना और यहीं प्रदेश सरकार ने आजाद जयंती शताब्दी समारोह मनाने के साथ ही यहां के लिए तमाम घोषणाएं की थीं। उस वक्त केंद्र में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे, जबकि उप्र में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी।

नमन करने आ चुकीं प्रमुख हस्तियां : साल 1950 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री संपूर्णानंद ने सात जनवरी 1950 को बदरका आकर आजाद स्मारक का शिलान्यास किया था, जो देश में शहीद का पहला स्मारक बना था। साल 1966 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी आईं। पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री नारायणदत्त तिवारी, केंद्रीय मंत्री केसी पंत, मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल, पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे एम चेन्ना रेड्डी, वी सत्यनारायण व केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री रहे स्व. विद्याचरण शुक्ल सहित केंद्रीय व प्रदेश सरकार के मंत्रियों की लंबी फेहरिस्त है। 


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